बोकारो : तेनुघाट में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंत्रोच्चारण से पूरा पंचायत मां दुर्गा की भक्ति में लीन हो गया है. आज सप्तमी पूजा के साथ मां बेलभरणी पूजा की बड़ी महत्व है. शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि शनिवार को बेल भरणी पूजन के साथ मंदिरों में मां भगवती को ढोल नगाड़ा बजा कर निमंत्रण दिया गया.

तेनुघाट दामोदर नदी स्थित कैनाल मे विधिवत पूजा अर्चना कर कलश में जल भरा कर मंडप लाया गया. तेनुघाट एफ टाईप दुर्गा मंडप द्वारा परंपरा के अनुसार बेल भरनी माता को लाने के लिए विधिवत पूजा-अर्चना किया. उसके बाद माता को मंडप मे लाया गया. पूजा समिति से सैकड़ो की संख्या में महिलाएं कैनाल से माथे पर कलश लेकर मंडप आई. पूजा कमेटी और पुजारी ने बताया कि मां दुर्गा की सप्तमी पूजा से पहले मां बेलभरणी की पूजा की जाती है.

इसके लिए महिला, पुरुष और बच्चे, बड़े उत्साह के साथ मां बेलभरणी को कैनाल से पूरी विधि-विधान के साथ लाते हैं. बेलभरनी माता का निर्माण बेल, धान की बाली, अनार व केला पत्ता से किया जाता है. इनकी पूजा से सुख व समृद्ध प्राप्त होती है. आचार्य बलदेव मिश्रा ने बताया कि कालरात्रि मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है. हरिप्रिया नारायणी जीवन की शांति है, तो कालरात्रि के अंतिम चल की शक्ति है. कहते है कि मां दुर्गा की सप्तमी पूजा से पहले मां बेलभरणी की पूजा की जाती है. इसके लिए लोग नदी में जा कर पूरी विधि-विधान के साथ मां बेलभरणी को आदर पूर्वक पूजा पंडालों में लाते हैं. फिर विसर्जन के समय ढोल-नगाड़े व शंख के साथ मां बेलभरणी को नदी ले जाते हैं.

वहीं समिति ने बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता आयोजन किया. जिसमें  बच्चों एवं बच्चियों ने भाग लिया. समिति द्वारा बताया कि प्रतियोगिता का निर्णय विजय दशमी के दिन प्राइज वितरण कर बच्चों को सम्मानित किया जायेगा. इस प्रतियोगिता की देख रेख आनंद श्रीवास्तव, अजीत पाण्डेय और प्रशांत पाल के देख रेख मे किया गया. वहीं संध्या आरती के बाद ग्रुप डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा.

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