रांचीः झारखंड पुलिस के सिपाही- हवलदारों की प्रतिनिधि संस्था झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है. झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों से पास मेंस एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष मनीष कुमार के नाम पर वरीय अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था. जिसमें प्रशिक्षण में भारी गड़बड़ी की शिकायत की गई थी. लेकिन जांच में यह बात सामने आई है कि मनीष कुमार नाम का कोई कार्यकारी अध्यक्ष है ही नहीं.

अध्यक्ष ने मामले को बताया फर्जी

वरीय अधिकारियों के द्वारा मामला मेंस एसोसिएशन के संज्ञान में लगाया गया. जिसके बाद मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय ने पूरे मामले को फर्जी बताया है. राकेश पांडेय ने बताया कि मेंस एसोसिएशन में कार्यकारी अध्यक्ष का कोई पद ही नहीं है, न ही मनीष कुमार नाम का कोई पदधारी है. मेंस एसोसिएशन अध्यक्ष ने आशंका जाहिर की है कि पुलिसकर्मियों के बीच आपसी सौहार्द्र खराब करने की नीयत से किसी ने छद्म या गुमनाम नाम से पत्राचार किया है.

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा

जानकारी के मुताबिक, पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा पूर्व में कई पत्राचार पुलिस मुख्यालय से किए गए हैं. इस पत्राचार के कुछ अंश को फर्जी पत्र में हू-ब-हू लिया गया है. इसके बाद प्रशिक्षण केंद्रों, जिला और वाहनियों में अनियमितता की बात पत्र में लिखी गई. पत्र जब वरीय अधिकारियों तक पहुंचा तब इस मामले में एसोसिएशन के पदाधिकारियों को जानकारी दी गई. मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मामला संज्ञान में आने के बाद कहा है कि दोषी पुलिसकर्मी को चिनहित करने का प्रयास किया जा रहा है. दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी.

मेंस एसोसिएशन ने सभी जिलों के एसपी को लिखा पत्र

मामला संज्ञान में आने के बाद मेंस एसोसिएशन ने सभी जिलों के एसपी और पुलिस मुख्यालय के डीआईजी कार्मिक को पत्र लिखा है. मेंस एसोसिएशन ने पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया है कि किसी को भी कहीं कोई समस्या हो तो वह मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष या शाखा सभापति से लिखित पत्राचार कर सकता है. मेंस एसोसिएशन ने अपनी शाखाओं के अध्यक्ष को भी लिखा है कि जिस व्यक्ति ने पत्र लिखा है उसकी पहचान की जाए ताकि दंडात्मक कार्रवाई की जा सके.

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