Joharlive Desk
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते लगातार जमानत या पेरोल पर जेलों से छोड़े गए 5581 कैदियों की अंतरिम जमानत खत्म करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने संगीन अपराधों के 2318 विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत अब नहीं बढ़ाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कैदियों को 2 नवम्बर से 13 नवम्बर तक कैदियों को चरणबद्ध तरीके से सरेंडर करने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल, जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की स्पेशल बेंच ने इन कैदियों को छूट दी है कि वे ट्रायल कोर्ट में जाकर मेरिट के आधार पर अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। कोर्ट ने दीवानी मामलों में जिनमें अंतरिम आदेश जारी हुए हैं उनमें यह राहत अगली सुनवाई तक प्रभावी रहेगी। हाईकोर्ट ने जेल अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वो कैदियों की जेल वापसी की तैयारी करें और कोरोना से संबंधित दिशानिर्देश का पालन करें।
कोर्ट ने कहा कि कोरोना की वजह से 25 मार्च से कोर्ट में सीमित सुनवाई चल रही है। 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया था जो समय-समय पर बढ़ता रहा। हाईकोर्ट ने पिछले 24 अगस्त को सभी अंतरिम आदेशों को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया था। दिल्ली पुलिस के लीगल सेल के डीसीपी ने कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव के उस आदेश का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से इस आदेश में बदलाव करने की मांग की। विनोद यादव ने हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि अंतरिम जमानतों को हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर लगातार बढ़ाने के लिए दायर याचिकाओं पर उचित दिशानिर्देश जारी करें।
दिल्ली पुलिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने पूछा था कि जेलों में कितने कैदी कोरोना से संक्रमित हुए। कोर्ट ने पूछा था कि गंभीर मामलों के कितने कैदी अंतरिम जमानत पर है और कितने छोटे-मोटे मामलों के कैदी अंतरिम जमानत पर हैं। यह भी पूछा कि हाईकोर्ट ने कितने लोगों को अंतरिम जमानत दी है। इसके जवाब में दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताया कि कोरोना से दिल्ली की जेलों में छह कैदी संक्रमित हुए हैं। स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया कि गंभीर अपराधों से जुड़े 2318 कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि छोटे-मोटे अपराधों से 2907 कैदियों को अंतरिम जमानत मिली। हाईकोर्ट ने 356 कैदियों को अंतरिम जमानत दी है। रिपोर्ट पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा हुए 2318 कैदियों की अंतरिम जमानत नहीं बढ़ाने का आदेश दिया।
कोर्ट ने सरेंडर प्रक्रिया में कोई बाधा न आए इसके लिए कोर्ट ने कैदियों को 2 नवम्बर से 13 नवम्बर तक कैदियों को चरणबद्ध तरीके से सरेंडर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि तीस हजारी कोर्ट के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 2 नवम्बर को जबकि पश्चिमी जिले से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 3 नवम्बर को सरेंडर करेंगे। पटियाला हाउस कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 4 नवम्बर को सरेंडर करेंगे।
कड़कड़डूमा कोर्ट के पूर्वी जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 5 नवम्बर को, उत्तर-पूर्वी जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 6 नवम्बर को, शाहदरा जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 7 नवम्बर को सरेंडर करेंगे। रोहिणी कोर्ट के उत्तरी जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 8 नवम्बर को, उत्तरी-पश्चिमी जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 9 नवम्बर को सरेंडर करेंगे सरेंडर करेंगे। द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 10 नवम्बर को सरेंडर करेंगे। साकेत कोर्ट के दक्षिणी जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 11 नवम्बर को और दक्षिणी-पूर्वी जिला से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 12 नवम्बर को सरेंडर करेंगे। राऊज एवेन्यू कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए कैदी 13 नवम्बर को सरेंडर करेंगे।
कोर्ट ने हाई पावर्ड कमेटी से आग्रह किया कि वो कमेटी की अनुशंसाओं पर अंतरिम जमानत पर रिहा हुए 2907 कैदियों के मामले पर दस दिनों के अंदर विचार करे। हाईकोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए 356 कैदियों को 13 नवम्बर को सरेंडर करने का आदेश दिया गया। हालांकि इन सभी कैदियों को अपनी अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने के लिए मेरिट के आधार पर कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी गई है।