Joharlive Desk
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब देश लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में अपने 20 जवानों के खोने के सदमे से उबर भी नहीं पाया है, अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि बाहर के देशों द्वारा भारतीय रेल नेटवर्क को मालवेयर (वायरस) से प्रभावित करके ट्रेनों की आवाजाही से लेकर इसके डेटा पर नजर रखी जा रही है। भारतीय रेलवे ने चीन की एक कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन लिमिटेड को 417 किलोमीटर लंबी लाइन पर सिग्नल और दूरसंचार के काम का ठेका दिया था, जिसे रद्द कर दिया गया है। इस कदम के एक दिन बाद ही यह घटना सामने आई है। इस कंपनी का ठेका काम सही से नहीं कर पाने व धीमी प्रगति के कारण रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
मालवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जो किसी भी कंप्यूटर या बड़े नेटवर्क के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस सॉफ्टवेयर को हैकर्स कंप्यूटर से पर्सनल डाटा चोरी करने के लिए डिजाइन करते हैं। मालवेयर आपकी निजी फाइलों तक पहुंचकर उन्हें दूसरे किसी डिवाइस में ट्रांसफर कर सकता है। इसके जरिए हैकर्स सूचनाएं, फोटो व वीडियो के साथ ही कई महत्वपूर्ण जानकारी चुरा सकते हैं।
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, रेलवे का सिस्टम एपीटी 36 मालवेयर कैंपेंन की चपेट में आ गया है। सूत्र ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने रेलवे बोर्ड को इंटरनेट के साथ सिस्टम को तुरंत डिस्कनेक्ट करने और जल्द पासवर्ड बदलने के लिए अलर्ट किया है। सूत्र ने कहा कि एपीटी 36 मालवेयर पाकिस्तान से जुड़ा है, जो चीन का करीबी सहयोगी है।
सूत्र ने आगे कहा कि खुफिया एजेंसियों के अलर्ट किए जाने के बाद, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के सिस्टम (कंप्यूटर) से मालवेयर को हटाने का काम किया जा रहा है। सूत्र के अनुसार, एपीटी 36 मालवेयर कैंपेंन के माध्यम से ट्रेनों की आवाजाही सहित भारतीय रेल प्रणालियों में संग्रहीत डेटा को चोरी किया जा रहा था और इस जानकारी को देश से बाहर पहुंचाया जा रहा है।
सूत्र ने यह भी दावा किया कि एपीटी 36 मालवेयर ने डिफेंस मूवमेंट के आंकड़े लेने की भी कोशिश की है। सूत्र ने कहा कि भारतीय रेलवे के कम से कम चार सिस्टम एपीटी 36 मालवेयर से प्रभावित होने की सूचना है।
रेलवे के अलावा, रक्षा, केंद्रीय पुलिस संगठनों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में भी खतरा बना हुआ है। खतरे को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने संबंधित विभागों से सुरक्षित कंप्यूटरों से ईमेल करने, ऑनलाइन सेवाओं के पासवर्ड बदलने, प्रभावित कंप्यूटरों की हार्ड-डिस्क का बैकअप लेने और ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य सॉफ्टवेयर को फिर से स्थापित करने के लिए कहा है।
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