Joharlive Team
रांची। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार की ओर से अदालत में जवाब पेश किया गया। पूर्व मंत्री की ओर से सरकार के जवाब पर अपना जवाब पेश करने के लिए समय की मांग की गई। अदालत ने उन्हें समय देते हुए जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। पूर्व मंत्री पर और उनके समर्थकों पर आजसू पार्टी के समर्थक को धमकाने और जाति सूचक शब्दों का व्यवहार करने पर धमकी और एससी-एसटी संबंधित केस किया गया था। उसी केस में जो एफआईआर दर्ज की गई थी, उसे निरस्त करने के लिए पूर्व मंत्री ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उस याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया। पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार के जवाब पर अपना जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय की मांग की। अदालत ने उन्हें समय देते हुए जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
बड़कागांव हजारीबाग में पूर्व मंत्री और उनके समर्थकों की ओर से कुछ आजसू के समर्थकों को धमकी देते हुए और जाति सूचक शब्द कहते हुए उसे अपने पार्टी में शामिल होने को कहा था। इसी को लेकर उनके खिलाफ एससी-एसटी और धमकी के मामले एफआईआर दर्ज कराई थी। उसी एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उस याचिका पर सुनवाई के दौरान मंत्री को सरकार के जवाब पर जवाब देने का निर्देश दिया है।