झारखंड

विभागीय जांच में दोषी पाए गए दारोगा विक्की ठाकुर निलंबित

हजारीबाग: डीआईजी सुनील भास्कर ने शहर के लोहसिंघना थाना के एक दरोगा को विभागीय जांच में दोषी पाया है, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है. एसपी अरविंद कुमार सिंह ने दोषी पाए गए दारोगा विक्की ठाकुर को पुलिस लाइन बुला लिया है और राज्य मुख्यालय को भी इसकी सूचना दे दी गई है.

घटना का विवरण
शहर के लोहसिंघना थाना में पदस्थापित दारोगा विक्की कुमार ठाकुर विभाग की आंतरिक जांच में दोषी पाए गए. सूत्रों के मुताबिक, दारोगा ने एक पीड़ित महिला की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और ना ही उसे आत्मीयता के साथ सुना. उनके निष्ठुर व्यवहार ने इस मामले को एसपी अरविंद कुमार सिंह तक पहुंचा दिया.

एसपी की त्वरित कार्रवाई
एसपी अरविंद कुमार सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया और विभागीय जांच के बाद दारोगा विक्की ठाकुर को निलंबित कर दिया. एक तरफ जहां डीजीपी और झारखंड सरकार पुलिस और पब्लिक के बीच की दूरियों को पाटने के लिए जन समस्या समाधान को लेकर जिला स्तरीय कैंप आयोजित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस तरह के पुलिस अधिकारी पुलिस और पब्लिक के बीच की दूरी को और बढ़ा रहे हैं.

पीड़ित महिला की शिकायत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक पीड़ित महिला ने दारोगा विक्की कुमार ठाकुर से फोन पर संपर्क किया और दर्ज कराए गए मामले के आरोपियों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई. लेकिन दारोगा ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय मामले को टालते रहे और महिला को न्याय दिलाने के आश्वासन देने के बजाय उसे ही फटकार लगाई. इस निष्ठुर व्यवहार के कारण महिला ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की.

विभागीय जांच और निलंबन
महिला की शिकायत के बाद एसपी अरविंद कुमार सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए. जांच में दारोगा विक्की ठाकुर दोषी पाए गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया. एसपी ने कहा कि इस तरह के निष्ठुर और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस और जनता के बीच की दूरी
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि पुलिस और जनता के बीच की दूरी को कम करने के प्रयासों के बावजूद, कुछ अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से यह दूरी और बढ़ जाती है. सरकार और पुलिस प्रशासन को इस दिशा में और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है ताकि जनता की शिकायतों का सही और त्वरित समाधान हो सके.

इस घटना ने पुलिस विभाग में अनुशासन और जिम्मेदारी की कमी को उजागर किया है. ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई से ही पुलिस विभाग की साख और जनता का विश्वास बनाए रखा जा सकता है. एसपी अरविंद कुमार सिंह की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि किसी भी अधिकारी का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

 

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