बोकारो: तेनुघाट जेल में बंदियों के द्वारा टुसू पर्व मनाया गया. इस बारे में जेल अधीक्षक अरूणाभ ने बताया कि जेल में बंदियों ने जेलर नीरज कुमार को बताया कि वह टुसू पर्व मनाना चाहते हैं. तब बंदियों को टुसू पर्व मनाने के लिए प्रोत्साहित और व्यवस्था किया गया. जिसके बाद बंदियों ने रविवार को टुसू पर्व मनाया. “अमरा जे मां टुसू थापी, अघन सक्राईते गो” मांदर के थाप पर नृत्य कर पूजा अर्चना किया. इस सम्बन्ध में जेलर नीरज कुमार ने बताया कि टुसू पर्व झारखंड में कुडमी और आदिवासी का महत्वपूर्ण त्यौहार है. मकर संक्रान्ति के अवसर पर मनाए जाने वाला इस त्यौहार में नाच गाने और सुबह स्नान कर उगते सूर्य की प्रार्थना कर पुजा की जाती है.
पुजा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एक समय राज्य में हाहाकार मच गया था. किसान मारे जा रहे थे. टुसू भी सैनिकों की गिरफ्त में आने वाली थी. उसने राजा के आगे घुटने टेकने के बजाय जल-समाधि लेकर शहीद हो जाने का फैसला किया और उफनती नदी में कूद गई. टुसू की इस कुरबानी की याद में ही टुसू पर्व मनाया जाता है और टुसू की प्रतिमा बनाकर नदी में विसर्जित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया जाता है. मकर परब के दिन से महीनों तक झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में नदी के तटों पर टुसू मेला का आयोजन किया जाता है.
टुसू पूजा करने वाले बंदी पूरे श्रद्धा और आस्था पूर्वक पूजा किया और काफी प्रसन्न नजर आए. टुसू पूजा करने वाले में मुखलाल महतो, महेन्द्र मांझी, छोटू मांझी, सचिन महतो, आकाश वर्मा, मंशु प्रजापति, छत्रु महतो, मनोज गुप्ता, गोपाल राम, राजू महतो सहित कई बंदी मौजूद थे. वहीं पुजा को लेकर तैयारी में जेल में कार्यरत विजय कुमार सहित जेल कर्मी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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