Bengluru : इंफोसिस के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन पर SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह मामला बेंगलुरु के सिविल और सत्र न्यायालय के निर्देश पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया. इसके अलावा भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक बलराम समेत 16 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी SC/ST एक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं.
The Sadashivanagar police in Bengaluru have booked Infosys co-founder Kris Gopalakrishnan and 17 IISc members under the SC/ST Act after a faculty member from the Bovi community accused them of casteist abuse, threats, and dismissal through a fabricated honey trap case. #Infosys… pic.twitter.com/SUsZNSsorP
— Mid Day (@mid_day) January 28, 2025
ये है पूरा मामला
क्रिस गोपालकृष्णन पर आरोप लगाने वाले व्यक्ति का नाम डी सन्ना दुर्गाप्पा है, जो भारतीय विज्ञान संस्थान के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज में प्रोफेसर थे. दुर्गाप्पा ने आरोप लगाया है कि 2014 में उन्हें एक फर्जी हनी ट्रैप में फंसाया गया और जाति सूचक टिप्पणी के साथ उनका अपमान किया गया. उनका दावा है कि उन्हें अपनी जाति के कारण संस्थान में लगातार अपमान और दुर्व्यहार का सामना करना पड़ा. दुर्गाप्पा कर्नाटक के भोवी समुदाय से आते हैं, जो एक अनुसूचित जाति है.
क्या है SC/STएक्ट
SC/ST एक्ट, जिसे अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 कहा जाता है, इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को जातिवाद आधारित अत्याचारों से बचाना है. इसके तहत किसी व्यक्ति के साथ जाति आधारित भेदभाव, मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. यह एक्ट 30 जनवरी 1990 से लागू हुआ और इसके तहत अपराध संज्ञेय माने जाते हैं, जो गैरजमानती होते हैं.
भोवी समुदाय क्या है
भोवी समुदाय कर्नाटक की एक अनुसूचित जाति है, जिसे बयार, भोई और बोवी भी कहा जाता है. यह समुदाय खेतों में मजदूरी करने और पालकी ढोने का काम करता था और इसका नाम एक प्राचीन राजा भोवी के नाम पर रखा गया है. इस समुदाय के लोग विशेष रूप से दक्षिण भारत में पाये जाते हैं और इस समुदाय की शिक्षा का स्तर अभी भी बहुत कम है.
SC/ST एक्ट के तहत सजा
SC/ST एक्ट के तहत यदि किसी व्यक्ति को जातिसूचक टिप्पणी या अन्य उत्पीड़न का शिकार किया जाता है तो उसे छह माह से लेकर पांच साल तक की सजा हो सकती है. अगर किसी व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो मृत्युदंड का भी प्रावधान है.
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