नई दिल्ली : इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और लेखिका सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किया है. सुधा मूर्ति ने आज राज्यसभा के स्पीकर जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में संसद के उच्च सदन की सदस्य के तौर शपथ ली. इस दौरान वहां इंफोसिस के संस्थापक और उनके पति नारायणमूर्ति और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे.

नामांकन के बाद, पीएम मोदी ने सुधा मूर्ति को बधाई देते कहा था कि सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनका योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या इसे राजनीतिक क्षेत्र में एक कदम माना जा सकता है, सुधा मूर्ति स्पष्ट थीं कि वह खुद को राजनेता नहीं मानतीं. “मुझे नहीं लगता कि मैं खुद को एक राजनेता मान सकता हूं और मैं एक राजनेता नहीं हूं. मैं एक मनोनीत राज्यसभा सदस्य हूं . मेरे दामाद (ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक) की राजनीति उनके देश और इसके लिए है अलग है, और मेरा काम अलग है. मैं अब एक सरकारी कर्मचारी हूं,” उसने जवाब दिया. प्रसिद्ध लेखिका ने अंग्रेजी और कन्नड़ साहित्य में योगदान दिया है और 31 दिसंबर, 2021 को इंफोसिस फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे. सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

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