नई दिल्ली : देश के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है. रोजमर्रा की चीजें खरीदने में कई बार सोचना पड़ रहा है. लाहौर में 400 पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) प्रति दर्जन अंडे मिल रहे, जबकि प्याज 250 रुपये किलो. एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रशासन सरकारी दर को लागू करने में विफल रहा है. रिपोर्ट के अनुसार सरकार की ओर से निर्धारित दर 175 रुपये प्रति किलोग्राम के मुकाबले प्याज 230 से 250 पीकेआर प्रति किलो के बीच बेचा जा रहा है. चिकन भी 615 रुपये प्रति किलो बिक रहा. वित्तीय वर्ष 2023-24 में पिछले साल नवंबर के अंत तक कुल कर्ज बढ़कर 63,399 लाख करोड़ पीकेआर हो गया है. इसमें घरेलू कर्ज में 40.956 लाख करोड़ और अंतरराष्ट्रीय कर्ज में 22.434 लाख करोड़ पीकेआर शामिल है. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और कार्यवाहक सरकार के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का कुल कर्ज 12.430 लाख करोड़ पीकेआर था.
जमाखोरी और मुनाफाखोरी बढ़ रही
पिछले महीने वित्त, राजस्व और आर्थिक मामलों के कार्यवाहक संघीय मंत्री शमशाद अख्तर की अध्यक्षता में आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक हुई. बैठक में राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति (एनपीएमसी) को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के उपायों के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ नियमित समन्वय जारी रखने का निर्देश दिया था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
पाकिस्तान का आर्थिक विकास अमीरों तक ही
रिपोर्ट में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का आर्थिक विकास अमीर वर्ग तक ही सीमित है. इसके चलते पाकिस्तान आर्थिक संकट के मद्देनजर अपने साथी देशों से बहुत पिछड़ गया है.
पाक का आर्थिक मॉडल अप्रभावी
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के कंट्री निदेशक नेजी बेन्हासिन ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अप्रभावी हो गया है और गरीबी फिर से बढ़ने लगी है. बेन्हासिन ने कहा कि पाकिस्तान में आर्थिक विकास टिकाऊ नहीं है.
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