प्रमोद कुमार
गुमला : जिले में नवरात्र को लेकर मिट्टी के बर्तन की मांग तेज हो गई है. मिट्टी के बर्तन के बाजार सज गए हैं. लेकिन महंगाई की मार ने कुम्हारों की कमर तोड़ कर रख दी है. जिसके चलते अब यह व्यवसाय बंद होने के कगार पर है. गौरतलब है कि रविवार से शुरू हो रहे नवरात्र को लेकर लोग पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं. बाजारों में नवरात्र को लेकर लोगों की चहलकदमी बढ़ गई है.
जिले के सबसे बड़े साप्ताहिक हाट में मिट्टी के बर्तनों के खरीददार पहुंच रहे हैं. लेकिन इन बर्तनों को बनाने वाले कुम्हार महंगाई की मार का दंश झेल रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि पिछले 3-4 सालों से इस धंधे में मुनाफा नहीं हो रहा है. लेकिन पूर्वजों के समय से चले आ रहे इस काम को करना मजबूरी भी है.
दुकानदार बताते हैं कि पहले मिट्टी और लकड़ी के पैसे नहीं लगते थे जिसके चलते इसमें अच्छा मुनाफा हो जाता था. लेकिन हाल के दिनों में मिट्टी और लकड़ी खरीद कर काम करना पड़ रहा है. ऐसे में कोई खास बचत नहीं होता है. कुम्हारों का कहना है कि इस काम से हमें अब परिवार चलाने में भी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई इस धंधे में नहीं हो पाती है. उनका कहना है कि अगर सरकार हमारे लिए भी बाजार उपलब्ध कराए तो इसमें रोजगार की संभावना बढ़ सकती है.
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