नई दिल्ली : यूएन के अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का राग अलापने से पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र में एक बार फिर कश्मीर राग अलापा. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर पर प्रस्ताव पास करने और वहां मिलिट्री हस्तक्षेप की मांग कर डाली. इस पर 23 सितंबर को भारत की ओर से पाकिस्तान को करारा संदेश दिया गया है.

सचिव ने दिखाया आईना

संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेटल गहलोत ने कहा, पाकिस्तान जब दूसरों के आंतरिक मामलों में झांक रहा है तो वह अपने देश में घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को पहले देखे और इसे तुरंत बंद करना चाहिए. पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए पेटल गहलोत ने कहा कि आपको मुंबई हमले के आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिसके पीड़ित 15 सालों बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का गढ़ है. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सेफ हेवन बताया है.

पाकिस्तान को नसीहत

भारत ने दक्षिण एशिया में शांति के लिए पाकिस्तान को तीन नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान को तुरंत सीमा पार भारत में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए. आतंकी ठिकानों को बिना देरी किए बंद करे. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के जिन इलाकों (पीओके) पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है, उसे तुरंत खाली करे. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ हो रहे मानवाधिकारों का उल्लंघन तुरंत बंद हो.

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