बर्मिंघम: पहलवान बजरंग पुनिया ने पुरुषों के 62 किलोग्राम भारवर्ग में शुक्रवार को राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. बजरंग ने फाइनल में कनाडा के लाचनाल मैक्निल को 9-2 मात देकर सोने का तमगा हासिल किया.
बता दें, बजरंग पूनिया का ये कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरा मेडल है. बजरंग ने कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड जीता. पिछली बार गोल्ड कोस्ट में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. उसी स्वर्णिम कामयाबी को उन्होंने दोहराया. ग्लास्गो में बजरंग गोल्ड जीतने से चूक गए थे.
साल 2014 में उन्हें सिल्वर मेडल से संतुष्ट रहना पड़ा था. बजरंग ने शुरू से ही दबदबा दिखाया और कनाडा के पहलवान को कोई मौका नहीं दिया. पहले राउंड में उन्होंने 1-0 की बढ़त ली, फिर तीन अंक का दांव लगाकर स्कोर 4-0 कर दिया. पहले राउंड में वह इसी स्कोर के साथ गए.
मैक्निल ने दूसरे राउंड में आते ही आक्रामक खे दिखाया और बजरंग को टेकडाउन कर दो अंक लिए. बजरंग हालांकि दो और अंक लेने में सफल रहे जिससे स्कोर 6-2 हो गया और यहां से बजरंग हावी ही रही. बजरंग ने फिर मैक्निल को बाहर कर एक अंक और लिया. यहां स्कोर 7-2 हो गया था. इसके बाद बजरंग ने टेकडाउन से दो और अंक लेकर स्कोर 9-2 कर दिया. यहां से कनाडा के खिलाड़ी के पास वापसी करने का मौका खत्म हो गया.
बजरंग ने इंग्लैंड के जॉर्ज रैम पर 10-0 की जीत से आसानी से फाइनल में जगह बनाई, बजरंग ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मौरिशस के जीन गुलियाने जोरिस बांडोऊ को महज एक मिनट में पटखनी देकर सेमीफाइनल में पहुंचे. उन्हें क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने में दो मिनट से भी कम समय लगा.
उन्होंने शुरूआती दौर में नौरू के लोवे बिंघम को गिराकर आसान जीत दर्ज की. बजरंग ने एक मिनट अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने में लिया और फिर जकड़ने की स्थिति से अचानक बिघंम को पटक कर मुकाबला खत्म कर दिया. बिंघम को इस अचानक से हुए दांव का पता नहीं चला और भारतीय पहलवान आसानी से जीत गया.