काठमांडू : 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भगवान राम के भक्तों को नेपाल से अयोध्या ले जाने के लिए भारत की ओर से एक विशेष ट्रेन माता सीता के जन्मस्थान नेपाल के जनकपुर से चलाई जायेगी. एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि भारत सरकार श्रद्धालुओं को लाने के लिए नेपाल में एक समर्पित ट्रेन भेजेगी, जबकि नेपाल से हजारों लोग पहले ही अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं. नेपाल भारत के अलावा हिंदू-बहुल देशों में से एक है. श्रद्धालु जयनगर-जनकपुर रेलवे मार्ग से होकर जाएंगे जो नेपाल और भारत के बीच एकमात्र सीमा पार रेल कनेक्शन है. यह भारत की सहायता से बिछाया गया था. भारतीय रेलवे 20 कोच वाली ट्रेन भेजेगा.

नेपाल रेलवे कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक निरंजन झा ने कहा, अधिकारियों के अनुसार, विशेष ट्रेन रविवार को जनकपुर से अयोध्या के लिए रवाना होगी. प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर नेपाल में श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है. सोमवार को समारोह में नेपाल से हजारों हिंदू श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है. नेपाल के कई शहरों ने स्थानीय निवासियों से इस दिन को “दीपोत्सव” के साथ मनाने का आग्रह किया है. कुछ शहरों में अधिकारियों ने सोमवार को शराब और गैर-शाकाहार खाद्य पदार्थों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. नेपाली विदेश मंत्रालय ने 22 जनवरी के लिए एक समर्पित रेलवे सेवा की व्यवस्था करने के लिए भारतीय दूतावास को अनुरोध भेजा था.

महाप्रबंधक निरंजन झा ने कहा कि टिकट बुकिंग शनिवार दोपहर को खुल गई. रविवार की सुबह विशेष रेल अयोध्या के लिए रवाना होगी. किराया श्रद्धालुओं द्वारा वहन किया जाएगा. निरंजन झा ने बताया कि सेकेंड एसी कोच का किराया तीन हजार नेपाली रुपये (लगभग 1,882 रुपये), थर्ड एसी कोच का किराया दो हजार नेपाली रुपये (लगभग 1255 रुपये) और स्लीपर क्लास का किराया एक हजार नेपाली रुपये (लगभग 627 रुपये) होगा.उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के अनुरोध पर ट्रेन का किराया कम कर दिया गया है. ट्रेन प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सोमवार रात 11 बजे अयोध्या से वापस आएगी.इस बीच, जनकपुर में जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास ने मधेश प्रांत के मुख्यमंत्री सरोज कुमार यादव से राम मंदिर के उद्घाटन के दिन मधेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करने का अनुरोध किया है.महंत राम रोशन ने सोमवार को सार्वजनिक अवकाश की मांग करते हुए मुख्यमंत्री यादव को ज्ञापन भी सौंपा है.–आईएएनएस

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