संयुक्त राष्ट्र/नयी दिल्ली : यूक्रेन में बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत ने हिंसा को रोकने की अपनी मांग को दोहराया है। साथ ही भारत ने रूस-यूक्रेन के बीच वार्ता का स्वागत किया है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में सोमवार को यूक्रेन पर आयोजित आपातकालीन विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मानता है कि कूटनीति की तरफ बढ़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। भारत ने कहा कि यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ हुई फोन वार्ता में भी प्रेषित की थी।
उन्होंने कहा, ‘भारत इस बात से बहुत चिंतित है कि यूक्रेन में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हम हिंसा की तत्काल समाप्ति और शत्रुता को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। ऐसे में हमारी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई चारा नहीं है।’
उन्होंने यूक्रेन में बढ़ती हुई तत्काल और दबाव वाली मानवीय स्थिति पर रोशनी डालते हुए कहा कि भारत जल्द ही दवाइयों समेत अन्य सहायता सामग्री यूक्रेन पहुंचाएगा।
श्री तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
उन्होंने यूक्रेन की सीमा पर जटिल और अनिश्चित स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे लोगों की निर्बाध आवाजाही पर प्रतिकूल प्रभाव” पड़ रहा है। उन्होंने पोलैंड और हंगरी के साथ सीमा पार पर अस्त-व्यस्त स्थिति का जिक्र करते हुए आग्रह किया कि इस पहलू को तुरंत संबोधित किया जाए। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन से पड़ोसी देशों में जाने का प्रयास कर रहे भारतीयों को कड़ाके की ठंड में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
श्री तिरुमूर्ति ने यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों – रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, पोलैंड, मोल्दोवा का जिक्र करते हुए भारतीय नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोलने के लिए उनका धन्यवाद किया।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत पड़ोसी मुल्कों और विकासशील देशों के नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए उनकी सहायता करने को तैयार है।