JoharLive Desk

गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक कदम उठाये हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना विकास सुनिश्चित किया है।
प्रवासी जीवों पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन सीएमएस के सदस्य देशों की 13वीं बैठक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुये श्री मोदी ने कहा कि जन भागीदारी के साथ भारत हरित अर्थव्यवस्था के प्रोत्साहन में दुनिया का नेतृत्व करेगा जिसमें पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण भी शामिल है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सतत विकास में विश्वास रखती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना सुनिश्चित किया है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक को संबोधित करते हुये उन्होंने वर्ष 2020 में तक दो महत्वपूर्ण नीतियां बनाने की घोषणा की। इसमें एक समुद्री कछुये के संबंध में और दूसरी सामुद्री तटों पर प्रवासी जीवों का निर्बाध प्रवास सुनिश्चित करने संबंधी नीति होगी।
उद्घाटन के बाद पहले मुख्य सत्र में भारत को सीएमएस के सदस्य देशों की बैठक (सीओपी) की अध्यक्षता भी सौंपी गयी। भारत अगली 14वीं सीओपी की बैठक तक इसका अध्यक्ष रहेगा जो 2023 की अंतिम तिमाही में होनी है। इस मौके पर डाक विभाग द्वारा ..माई स्टांप.. के तहत एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया। गुजरात के प्रधान मुख्य वनरक्षक दिनेश कुमार शर्मा ने इस मौके पर विशेष रूप से जारी स्मारक डाक​ टिकट श्री जावड़ेक को भेंट किया।
इस बैठक का लोगो गोडावन पक्षी है जिसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसका थीम ..अतिथि देवो भव.. रखा गया है। अंग्रेजी में इसका थीम ..माइग्रेटरी स्पेसीज कनेक्ट द प्लेनेट एंड वी वेलकम देम होम.. रखा गया है। बैठक में ​देश-विदेश के 3,200 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इनमें पक्षी विज्ञानी, पर्यावरणविद तथा अन्य विशेषज्ञ, कई देशों के मंत्री देश के कई राज्यों के पर्यावरण मंत्री तथा शीर्ष वैश्विक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से देश के वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है और यह देश के कुल क्षेत्रफल के 21/67 प्रतिशत पर पहुंच गया है। वर्ष 2014 में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 715 थी जो अब बढकर 870 पर पहुंच गयी है। इनका कुल क्षेत्रफल 1,70,000 वर्ग किलोमीटर पर पहुंच चुका है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में 450 गीगावाट हरित उर्जा का लक्ष्य रखा है जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्ट सिटी, जल संरक्षण तथा दूसरी अन्य परियोजनाओं को गति मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस, आपदा रोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन और इंडस्ट्रियल ट्रांजिशन लीडरशिप जैसी भारत की पहलों में दुनिया के कई देशों ने रुचि दिखाई है।

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