Joharlive Desk

नयी दिल्ली। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा गतिरोध को दूर करने के लिए मंगलवार को हुई दोनों देशों के कोर कमांडरों की चौथी बैठक में सेनाओं को पीछे हटाने के मुद्दे पर कायम सहमति के क्रियान्वयन की समीक्षा की गयी।

रक्षा मंत्रालय ने आज यहां एक बयान में बताया कि भारतीय सेना और चीन की जनमुक्ति सेना पीएलए के कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए 14 जुलाई 2020 को एक बैठक का आयोजन भारतीय इलाके चुशूल में किया गया।

बयान में कहा गया कि वरिष्ठ कमांडरों ने पहले चरण में सीमा से सेनाओं को पीछे हटाने के लिए हुई बातचीत के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की और पूरी तरह सीमाओं से सेनाओं को पीछे हटाने के कदमों को सुनिश्चित करने पर चर्चा की।

बयान के अनुसार दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। प्रक्रिया जटिल है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। दोनों पक्ष इसे राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मध्य जून में हुए खूनी टकराव के बाद गत पांच जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं चीन के विदेश मंत्री एवं स्टेट काउंसलर वांग यी के बीच करीब दो घंटे से अधिक समय तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीमावर्ती इलाकों से सेनाएं हटाने को लेकर सहमति कायम हुई थी। यह भी सहमति बनी थी कि चरणबद्ध तरीके से विसैन्यीकरण की जटिल प्रक्रिया को धैर्य एवं सावधानी से पूरा किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार मंगलवार की बैठक इसी क्रम में हुई थी।

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