Nalanda : भारत को अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (IKF) द्वारा महिला कबड्डी विश्व कप 2025 की मेजबानी सौंपे जाने की आधिकारिक घोषणा की गई है. यह टूर्नामेंट 1 जून से 13 जून 2025 तक बिहार के ऐतिहासिक शहर राजगीर में आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन की मेजबानी ‘एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया’ करेगी, जो कबड्डी प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक पल साबित होगा.
भारत कबड्डी का जन्मस्थान है : विनोद कुमार
IKF के अध्यक्ष विनोद कुमार तिवारी ने इस अवसर पर कहा, “भारत कबड्डी का जन्मस्थान है और राजगीर में इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट का आयोजन खेल जगत में एक नया अध्याय जोड़ेगा. हमें विश्वास है कि यह आयोजन महिला कबड्डी को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा.” इस टूर्नामेंट में केवल IKF से संबद्ध राष्ट्रीय कबड्डी संघ/महासंघ की टीमें ही भाग ले सकेंगी. इच्छुक टीमों को अपनी पुष्टि 31 मार्च 2025 तक भेजनी होगी. इसके अलावा, खिलाड़ियों का वजन 75 किलोग्राम या उससे कम होना चाहिए. साथ ही प्रत्येक टीम अधिकतम 14 खिलाड़ी, 2 कोच, 1 मैनेजर और 1 तकनीकी अधिकारी को पंजीकृत कर सकती है. मुकाबले सिंथेटिक मैट पर खेले जाएंगे, और खिलाड़ियों को विशेष जूते पहनने होंगे.
सदस्यों को मिलने वाली सुविधाएं
आयोजन समिति प्रत्येक टीम के 16 सदस्यों के लिए निःशुल्क भोजन, आवास और परिवहन की व्यवस्था करेगी. इसके साथ ही, प्रतियोगिता स्थल पर चिकित्सा और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. हालांकि, IKF ने स्पष्ट किया है कि खिलाड़ी अपने जोखिम पर खेलेंगे, और किसी भी चोट या हानि के लिए आयोजक जिम्मेदार नहीं होंगे. IKF का कार्यकारी बोर्ड टूर्नामेंट के दौरान अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाएगा. खेल नियमों का उल्लंघन करने वाले खिलाड़ियों या टीमों के खिलाफ निलंबन या जुर्माना लगाया जा सकता है. किसी भी टीम को मैच खत्म होने के एक घंटे के भीतर 100 अमेरिकी डॉलर की फीस के साथ विरोध दर्ज कराने का अधिकार होगा.
महिला कबड्डी को वैश्विक पहचान दिलाने का अवसर
पिछले कुछ वर्षों में कबड्डी ने एशिया, यूरोप और अफ्रीका में अपनी लोकप्रियता बढ़ाई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह आयोजन महिला कबड्डी के वैश्विक विस्तार में अहम भूमिका निभाएगा. आयोजन समिति के एक सदस्य ने कहा, “हम राजगीर में इस ऐतिहासिक प्रतियोगिता के आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हमारा उद्देश्य केवल एक सफल टूर्नामेंट कराना ही नहीं, बल्कि महिला कबड्डी के लिए एक नया वैश्विक मानक स्थापित करना भी है.” यह आयोजन न केवल भारतीय खेलों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि महिला कबड्डी को भी वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा.
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