Joharlive Desk

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने पूर्वी लद्दाख में सीमाओं पर से सैनिकों को पीछे हटाने और मैटेरियल हटाने के संबंध में मंगलवार को वार्ता की। बैठक में भारतीय प्रतिनिधियों का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील और देपसांग क्षेत्रों से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के टैंक, तोपखाने और अतिरिक्त बल को हटाने के बारे में है। बैठक 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग मिल्रिटी डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन के बीच 6 जून को पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्दो सीमा पर सैन्यकर्मियों की बैठक (बीपीएम) बिंदु पर आयोजित बैठक की तर्ज पर हो रही है।

प्रतिनिधियों के बीच यह चौथी बैठक है। तीसरी ऐसी बैठक लगभग 12 घंटे तक चली थी। दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक विचार-विमर्श में लगे हुए हैं। शुक्रवार को दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच कूटनीतिक बैठक हुई थी। भारत-चीन सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली तंत्र की बैठक 10 जुलाई को हुई थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया था, जबकि चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं महासागरीय विभाग के महानिदेशक ने चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी।

गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे।

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