रांची: झारखंड राज्य की सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. इस हड़ताल का असर प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर साफ नजर आ रहा है, जहां ताले लटके हुए हैं. इस आंदोलन के चलते 7 महीने से 3 वर्ष तक के नौनिहालों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले पोषाहार से वंचित रहना पड़ सकता है, साथ ही कई रिपोर्ट भी पेंडिंग रह सकती हैं.
झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त संघर्ष मोर्चा की प्रखंड अध्यक्ष लीना सिन्हा ने बताया कि उन्होंने अपनी जायज मांगों को लेकर कई बार लिखित और मौखिक रूप से गुहार लगाई, लेकिन केवल आश्वासन ही मिले हैं. इससे पहले, 23 सितंबर को आंगनबाड़ी कर्मियों ने मोरहाबादी मैदान से जाकिर हुसैन पार्क रांची तक रैली निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया था. उस प्रदर्शन में गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने सरकार की ओर से आश्वासन दिया था कि 27 सितंबर की कैबिनेट में उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा, लेकिन कैबिनेट में कोई निर्णय नहीं हुआ. इस निराशा के चलते, मोर्चा के घटक संघ ने गूगल मीट पर आपात बैठक कर 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया. सेविकाओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगी.