धनबाद : कोयला भवन कार्यालय के पास कोल इंडिया बीसीसीएल कोल कर्मी एवं उनके आश्रितगण द्वारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर आज दूसरे दिन बैठकर बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा 9.4.0 के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोल कर्मियों को मेडिकल बोर्ड गठन कर उनका चिकित्सा प्रशिक्षण करवाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल दिया गया. इस भूख हड़ताल में कांग्रेस के पूर्व मंत्री मन्नान मलिक, कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोष सिंह, प्रसाद निधि समेत कई यूनियन का समर्थन का सहयोग किया है. 24 घंटे के बाद मेडिकल टीम भूख हड़ताल पर बैठे अश्रितो को हालचल तक नही लिया है.

वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री मन्नान मलिक ने समर्थन देते हुए कहा कि यहां के कोल अधिकारी को फोन करने पर रिसीव नही किया जा रहा है, जबकि यह मामला यहां से होने वाला भी नही है, कोल मंत्रालय से ही होना है लेकिन अधिकारी ही बात वहां तक पहुचाएंगे, लेकिन किसी भी अधिकारी से संपर्क नही हो पा रहा है.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि कोल कर्मी के आश्रित परिवार के भूख हड़ताल में कांग्रेस का पूर्ण समर्थन है. इस मामले को इंटक के बड़े-बड़े नेता तक पहुंचा दिया गया है, इनकी मांग जायज है और कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर पार्लियामेंट तक समर्थन करता है.

जिसमें आश्रितगण द्वारा बताया गया कि विगत कई वर्षों से गंभीर बीमारी जैसे लकवा, कैंसर, टीवी, किडनी, हृदय रोग पूर्ण लिवर फैलियर इन्हीं 6 गंभीर बीमारियों से इनके पिता ग्रसित है जिसमें कोल इंडिया के NCWA का पारा 9.4.0 के तहत यह प्रावधान है कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोल कर्मियों को मेडिकल बोर्ड का गठन कर उनका चिकित्सा परीक्षण किया जाए, लेकिन वर्तमान में कोल इंडिया के विशेष प्रबंधक मेडिकल अनफिट को घोषित रूप से बंद कर रखा गया है एवं पूर्व में जिन कुल कर्मियों को मेडिकल अनफिट किया जा चुका है उनके आश्रितों को नियोजन ना देकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. जिसके कारण भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसलिए आश्रितों द्वारा बीसीसीएल कोयला भवन मुख्यालय गेट के समीप भूख हड़ताल पर बैठने को विवश होना पड़ा.

वहीं हड़तालकर्मियों का कहना है कि अगर इस भूख हड़ताल से किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना क्षति होती है तो उसका जिम्मेदार स्वयं बीसीसीएल प्रबंधन होगा और अंतत यह निवेदन किया गया NCWA का पारा 9.4.0 को जल्द से चालू कर गंभीर बीमारी से ग्रसित कोल कर्मियों को मेडिकल बोर्ड का गठन कर उनका चिकित्सा परीक्षण किया जाए एवं पूर्व में जिन कुल कर्मियों को मेडिकल अनफिट किया जा चुका है उनके आश्रितों को जल्द नियोजन दिया जाए.

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