Joharlive Desk

नई दिल्ली । आलू, टमाटर समेत तमाम हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू गई हैं और बरसात के सीजन में फसल खराब होने के कारण फिलहाल इनकी महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद कम है। बीते एक महीने में हरी सब्यियों की कीमतों में 25 से 100 फीसदी तक का इजाफा हो गया है, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर भार पड़ा है।

कारोबारी बताते हैं कि देशभर के कोल्ड स्टोरेज में आलू का भंडार है, फिर भी इसकी कीमतें बढ़ रही हैं। गोभी, टमाटर और परवल समेत कई सब्जियों की खुदरा कीमतें दोगुनी हो गई हैं। एक महीने पहले टमाटर का भाव करीब 40 रुपये प्रति किलो था जो अब 80 रुपये प्रति किलो हो गया है।

ग्रेटर नोएड के सब्जी विक्रेता मोमीन ने कहा कि थोक मंडियों से ही सब्जियां ऊंचे भाव पर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में हरी सब्जियां खराब हो जाती हैं जिसके कारण दाम में इजाफा हुआ है।

हालांकि थोक कारोबारी बताते हैं कि बरसात के साथ-साथ डीजल के दाम में इजाफा होने की वजह से भी सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है।

दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू का थोक भाव 10 रुपये से लेकर 28 रुपये प्रति किलो था जबकि एक महीने पहले 27 जून को मंडी में आलू का थोक भाव 8 से 22 रुपये प्रति किलो था। प्याज का थोक भाव भी 27 जून को जहां 3.25 रुपये-11.25 रुपये प्रति किलो था वहीं 27 जुलाई को बढ़कर 6.25 से 12.50 रुपये प्रति किलो हो गया। वहीं, टमाटर का थोक भाव 27 जून को 2.50 से 28 रुपये प्रति किलो था जो 27 जुलाई को बढ़कर आठ रुपये 44 रुपये प्रति किलो हो गया।

आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति यानी एपीएमसी के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आमतौर पर बरसात के मौसम में हरी सब्जियों के दाम में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि इस समय हरी सब्जियों के दाम बढ़ने की कई वजहें हैं जिनमें बारिश और बाढ़ के साथ-साथ डीजल की कीमतों में वृद्धि भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और जगह-जगह बाढ़ की वजह से फसल खराब होने और सप्लाई बाधित होने के कारण सब्जी की कीमतें बढ़ती हैं।

आलू की कीमतों में हो रही वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि आलू के दाम में वृद्धि की कोई वजह नहीं है क्योंकि आलू की आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है लेकिन ज्यादा मुनाफा कमाने के मकसद से आलू की आवक थोक मंडियों में कम की जा रही है जिससे कीमतें बढ़ रही हैं।

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को हरी सब्जियों के दाम (रुपये प्रति किलो):

आलू-30-35 गोभी-100, टमाटर-60-80, प्याज-20-25, लौकी/घिया-30, भिंडी-30-40, खीरा-30-40, कद्दू-30, बैगन-40, शिमला मिर्च-80, तोरई-30-40, करैला-50, परवल-70, मूली साग-50, मटर-120

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