साहिबगंज: उधवा के अंचल अधिकारी (सीओ) विक्रम महली का शव सोमवार को संदिग्ध परिस्थिति में उनके आवास में पाया गया। वह राजमहल में किराए पर अंजनी नंदन चौरसिया उर्फ मुन्ना बाबू के मकान में रहते थे। पूर्व में पत्नी व बच्ची भी साथ रहते थे, लेकिन इन दिनों वह अकेले थे।सोमवार की सुबह घर में काम करनेवाली नौकरानी आई। उसने घर को अंदर से बंद देखकर उनकी गाड़ी के चालक मनोज मंडल को सूचना दी। मनोज मंडल ने कॉल कर उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद वह वहां पहुंचा और खिड़की से झांक कर देखा। वह फर्श पर गिरे हुए थे। खिड़की से चेहरे पर पानी का छिड़काव किया, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई।

इसके बाद मकान मालिक व अन्य लोगों को सूचना दी। बगल में ही कार्यपालक दंडाधिकारी विशाल पांडेय व थाना प्रभारी प्रणित पटेल रहते हैं। सभी पहुंचे और दरवाजे को तोड़कर अंदर गए।
तुरंत राजमहल अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उदय टुडू को बुलाया गया। उन्होंने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खाना टेबल पर रखा हुआ था। उनके शरीर पर सिर्फ एक गमछा था। वहीं उन्‍हें जानने वाले कुछ लोगों का कहना है कि वह हाई शुगर के मरीज थे। नौ मार्च 2021 को उनकी पोस्टिंग उधवा में हुई थी। मूलत: वह रांची में केसारी बागान, चुटिया के रहनेवाले थे।
बताया जाता है कि पिछले साल विक्रम महली को डेंगू हो गया था। करीब एक माह तक वह पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती थे। उन्हें ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी कई तरह की बीमारी थी। रविवार की रात करीब आठ बजे घर का काम करनेवाली महिला खाना बनाकर गई थी। उसने बताया कि तीन रोटी बनाई थी, लेकिन साहब ने बस एक कौर खाया। आशंका जताई जा रही है कि तबीयत बिगड़ने पर वह बिछावन पर जाकर लेट गए। शुगर व ब्लड प्रेशर के लो होने की से वजह उनकी मौत हो गई।
मौत की सूचना मिलने पर एसडीओ रोशन साह भी पहुंचे हैं। स्वजनों को सूचना दे दी गई है। वह रांची से साहिबगंज के लिए रवाना हो गए हैं। फिलहाल वीडियोग्राफी करा कर शव को मॉर्चरी में रख दिया गया है। स्वजनों के आने के बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

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