रांची। अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली।आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों की जमानत याचिका का खारिज कर दिया गया। प्रेम प्रकाश और पंकज मिश्रा जुलाई 2022 से ही रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है। ईडी ने पंकज मिश्रा को 18 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था वहीं प्रेम प्रकाश के घर पर पहली बार 24 अगस्त को छापेमारी की गयी थी। इस मामले में उन्होंने कई बार जमानत के लिए याचिका दायर की अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने भी झटका दे दिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश पर साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन कराने का गंभीर आरोप है। ईडी ने इस मामले में साहिबगंज, बरहड़वा, मिर्जाचौकी, राजमहल, उधवा और बरहेट स्थित 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में पंकज मिश्रा के साहिबगंज स्थित आवास से 5.34 करोड़ रुपए की नगदी और निवेश संबंधी कई दस्तावेज भी जब्त किए गये थे।
छापेमारी में पंकज मिश्रा के 27 बैंक खातों का पता चला था जिनमें 11 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा थी। ईडी ने इन्हें सीज कर लिया था। ईडी ने साहिबगंज से 30 करोड़ रुपये की कीमत वाला मालवाहक जहाज भी जब्त किया था। ईडी की दावा है कि इस जहाज का इस्तेमाल अवैध स्टोन चिप्स और बोल्डर की सप्लाई की जा रही थी।
पंकज मिश्रा के घर हुई छापेमारी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बैंक अकाउंट के कई चेक थे जिसमें उनके ह्स्ताक्षर भी थे। इसके साथ जब्त कई दस्तावेजों के आधार पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ भी की गयी थी। लगभग 11 घंटे की पूछताछ में ईडी ने सीएम से कई सवाल किए थे। दूसरी तरफ खनन घोटाला मामले में आरोपी प्रेम प्रकाश के हरमू स्थित आवास पर ईडी ने 24 अगस्त 2022 को छापा मारा और रात होते – होते उसे गिरफ्तार कर लिया था। ईडी का आरोप है कि प्रेम प्रकाश अवैध खनन से आए रुपयों को मैनेज करता था। इस मामले में अब भी जांच जारी है।