रांची। झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में आईएएस पूजा सिंघल के खिलाफ अरुण कुमार दुबे की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सरकार पक्ष से काउंटर एफिडेविट की मांग की। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 24 मई तय की गयी है। हाईकोर्ट ने मनरेगा घोटाले से संबधित 16 एफआईआर की मांग ईडी से की थी।
उल्लेखनीय है कि याचिका में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और एक सिंडिकेट स्थापित कर बड़े घोटालों को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है। हस्तक्षेप याचिका के जरिये बताया गया है कि आइएएस पूजा सिंघल ने दो सौ करोड़ से अधिक संपत्ति जुटाई है। इसकी जांच सीबीआइ से कराने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से एक प्राथमिकी 2018 में दर्ज की गयी है। इस प्राथमिकी के आधार पर मनी लाउंड्रिंग मामले की जांच चल रही है। याचिकाकर्ता ने सिंडिकेट में शामिल पांच आईएएस अधिकारी के खिलाफ भी ईडी और सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है।