Joharlive Team

रांची/रामगढ़। लॉक डाउन में अपराधी द्वारा अवैध वसूली करने के लिए कुछ अलग ही उपाय खोजा गया है। इनलोगों ने पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल करते पैसा वसूलना शुरू किया है। रविवार की रात एक ऐसा ही मामला कुज्जू ओपी में आया है। कुज्जु पुलिस की टीम ने डूमरबेड़ा से दो युवक को सीआईएसएफ की वर्दी पहने पकड़ा। पकड़े गए युवक तोपा निवासी आफताब और गोविंद है।

युवक सड़क पर चल रही गाड़ियों के चालक को वर्दी का धौंस दिखाकर अवैध तरीके से वसूली कर रहा था। कुज्जु पुलिस पकड़े गए युवक को जब थाने लेकर आई, तो उसके सुर भी बदल गए। उसने कुजू ओपी प्रभारी को बताया कि वह डीटीओ ऑफिस का स्टाफ है। उनके आदेश से ही वह गाड़ियों की जांच कर रहा है। जबकि, इस पूरे मामले में डीटीओ ने अपने स्टाफ होने की बात से इनकार कर दिया है।

  • जांच करने पर कई बातें आयी है सामने

कुज्जु ओपी प्रभारी भरत पासवान ने डीटीओ केके राजहंस से मोबाइल पर बातचीत की तो कई बातें सामने आई है। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि उनके यहां सीआईएसएफ का जवान तो बहुत दूर, कोई होमगार्ड का जवान भी नहीं है। गाड़ियों की जांच भी करनी होगी तो वे खुद ही करते हैं। उनके ऑफिस में और भी कई कर्मचारी हैं। सीआईएसएफ की वर्दी के पीछे के इंसान को ना तो वह जानते हैं और ना ही उसका नाम के कभी भी उन्होंने सुना है।

  • कई दिनों से फर्जी पुलिस बनकर कर रहे थे जांच

दरअसल पुलिस की वेश में आफताब और गोविंद नामक दो युवक कई दिनों से गाड़ियों की जांच कर रहे थे। वह लोग वाहन चालकों से रुपए की वसूली भी कर रहे थे। वह दोनों बाइक जे ए 24 ई- 3836 से निकलते थे, और एक शातिर अपराधियों की तरह अपनी योजना को अंजाम देते थे।
कुजू ओपी प्रभारी ने इस पूरी घटना को अफवाह करार दिया। कुजू ओपी क्षेत्र में यह पूरा मामला कई घंटे तक चलता रहा।

कुजू पुलिस पकड़ कर उस फर्जी वर्दीधारी को थाने भी लाई। लेकिन मीडिया वालों के सामने पुलिस ने कोई और ही राग अलापा। कुजू ओपी प्रभारी ने साफ तौर पर इन सारी बातों को अफवाह करार दिया। उन्होंने कहा कि टोपा में कोई भी व्यक्ति सीआईएसएफ का जवान नहीं है। उनके यहां कोई ऐसी घटना नहीं घटी है और ना ही किसी ऐसे फर्जी व्यक्ति को उन्होंने पकड़ा है। लेकिन पुलिस की पूरी कार्रवाई की वीडियो और फोटो वायरल हो रहा है। इस पर थाना प्रभारी को सांप सूंघ गया और उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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