रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 31वीं बैठक हुई. जिसमें राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 74 कैदियों के रिहाई से संबंधित समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री ने राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुशंसा के आलोक में राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 74 कैदियों के कारामुक्ति हेतु अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श एवं समीक्षा की. इसके बाद 39 कैदियों को रिहा किए जाने के निर्णय पर अपनी स्वीकृति दी. समीक्षा के क्रम में न्यायालयों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर बिंदुवार विचार-विमर्श करने के पश्चात 39 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी.
रिहा हुए कैदियों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ें
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद द्वारा अनुशंसा के आलोक में राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन सजा काटकर रिहा हुए कैदियों का फैमिली बैकग्राउंड, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का वेरीफिकेशन अवश्य करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हुए कैदियों के जीवन यापन हेतु आय सृजन के लिए विशेष कार्य योजना बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हुए कैदियों को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ें. रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन आदि योजनाओं का लाभ दिलाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कारागार से रिहा होने के बाद इन कैदियों को जीवनयापन में सामाजिक रूप से कोई समस्या उत्पन्न न हो तथा आर्थिक तंगी का सामना नही करना पड़े इस निमित्त एक बेहतर प्लान तैयार कर इन्हें स्वरोजगार से जोड़ें. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा होने वाले वैसे कैदी जिनकी उम्र अधिक हो चुकी है, उनकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी भी लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हुए कैदियों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी है.
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) विभाग नलिन कुमार, प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग वंदना दादेल, न्यायायिक आयुक्त, रांची दिवाकर पांडेय, महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखंड अनुराग गुप्ता, कारा महानिरीक्षक झारखंड सुदर्शन प्रसाद मंडल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.