रांची। वर्ष 2005 से डीएसपी पद पर प्रोन्नति देने के एकल पीठ के आदेश का अनुपालन नहीं पर लाल टुडू की अवमानना याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई। मामले में राज्य के डीजीपी कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा कि अदालत के आदेश का अब तक अनुपालन क्यों नहीं किया गया? इस पर अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इससे संबंधित मामले की सुनवाई 28 मार्च को निर्धारित है। इस मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील तकनीकी कारणों से खारिज हो चुकी है। इसके बाद सरकार की ओर से इस केस को पुनर्जीवित करने को लेकर याचिका दाखिल की गई है, जिसपर 23 मार्च को सुनवाई होनी है।

इस पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट में राज्य सरकार को 6 सप्ताह का समय प्रदान करते हुए राज्य के डीजीपी को अगले सुनवाई में उपस्थिति से छूट प्रदान की। दरअसल, लाल टूडू की प्रोन्नति डीएसपी पद पर वर्ष 2008 में की गई थी। लेकिन उनका कहना था कि उन्हें वर्ष 2005 से ही डीएसपी पद पर प्रोन्नत करना चाहिए था. इसे लेकर उनकी ओर से हाईकोर्ट की में याचिका दाखिल की गई थी।

जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रार्थी लाल टूडू को वर्ष 2005 से डीएसपी रैंक पर प्रमोशन देने का निर्देश दिया था। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दायर की थी, जो खारिज हो गई थी। अब सरकार की ओर से चीफ जस्टिस की कोर्ट में इसे मेंशन करके मामले को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया गया। एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं होने पर प्रार्थी की ओर से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है।

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