Joharlive Desk
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। सबसे पहले उन्होंने कारगिल विजय दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि 21 साल पहले भारतीय सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था। उन्होंने युवाओं से वीर जवानों से जुड़ी कहानियां पढ़ने और साझा करने का अऩुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं वीर जवानों के साथ ही उन्हें जन्म देने वाली माताओं को भी नमन करता हूं। उन्होंने कारोना वायरस के खिलाफ देश के एकजुट होकर लड़ने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह वायरस अब भी पहले की तरह खतरनाक है। प्रधानमंत्री ने मास्क की जरूरत भी बताई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस साल 15 अगस्त अलग परिस्थितियों में मनाया जाएगा।
अलग परिस्थितियों में होगा इस बार 15 अगस्त
इस बार 15 अगस्त भी अलग परिस्थितियों में होगा। कोरोना महामारी की आपदा के बीच होगा। हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है, वो कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं ‘लोकमान्य तिलक’। अगली बार जब हम मिलेंगें तो, फिर ढ़ेर सारी बातें करेंगे, मिलकर कुछ नया सीखेंगे और सबके साथ साझा करेंगें।
130 करोड़ भारतीयों की ओर से चंद्रिका प्रसाद को शुभकामनाएं
मेरे प्यारे देशवासियो सात समुद्र पार भारत से हजारों मील दूर एक छोटा सा देश है जिसका नाम है ‘सूरीनाम’। हाल ही में श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी, ‘सूरीनाम’ के नए राष्ट्रपति बने हैं, उन्होंने 2018 में आयोजित पीआईओ, पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया थाI संतोखी जी ने शपथ की शुरुआत वेद मंत्रों के साथ की। अपने हाथ में वेद लेकर वे बोले- मैं चंद्रिका प्रसाद संतोखी और आगे मंत्रोच्चारण किया, ‘ॐ अग्ने व्रतपते व्रतं चरिष्यामि तच्छकेयं तन्मे राध्यताम्। इदमहमनृतात् सत्यमुपैमि।’ मैं श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी को बधाई देता हूं और अपने राष्ट्र की सेवा करने के लिए 130 करोड़ भारतीयों की ओर से उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।
देश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से जूझ रहा है
इस समय बारिश का मौसम भी है। पिछली बार भी मैंने आप से कहा था कि बरसात में गंदगी और उनसे होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है। इसलिए सभी साफ-सफाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दें। इस समय देश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से जूझ रहा है। बिहार, असम जैसे राज्यों के कई क्षेत्रों में तो बाढ़ ने काफी मुश्किलें पैदा की हुई हैं, ऐसे में हर तरह से, राहत और बचाव के काम किए जा रहे हैं।