बोकारो : झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति ने स्थानीयता के मुद्दे पर मुखर होते हुए पूरे प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ बनायी, लेकिन अब संगठन के मुखिया जयराम महतो गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमाने उतरे है. चुनाव मैदान में उतरते ही उनकी भाषा अब बिल्कुल बदल गई है, अब वो बाहरी भीतरी की बात नही करते, अब कहते है उनका बाहरी लोगों का कोई विरोध नही है. उनकी लड़ाई सिर्फ यह है कि 1932 के आधार पर स्थानीय नीति बनायी जाय. उंन्होने बेरमो के कारगली मैदान में आयोजित जनसभा में ये बाते कही.

साथ ही उन्होंने गिरिडीह के वर्तमान सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद गिरिडीह के सांसद बनने के बाद अपनी पत्नी को रामगढ़ का विधायक बना दिया. इसी प्रयास में बेरमो के विधायक जयमंगल सिंह भी लगे है वो अपनी पत्नी को धनबाद लोकसभा से सांसद बनने की तैयारी में है. परिवार के अलावा झारखण्ड में उन्हें कोई नही मिला हम इसी का विरोध करते है, ये सब लोग सिर्फ अपनी कमाई के लिए राजनीति करते है इन्हें जनता के ज़रूरत से कोई मतलब नही है.

उंन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि आप वोट उसे ही करे जो आपकी कमाई, दवाई और बच्चों की पढ़ाई की चिंता करता हो. साथ ही उन्होंने झारखण्ड से रोजगार के लिए पलायन कर चुके युवाओं की अन्य प्रदेशों में किन हालातो में रह रहे है उस पर भी चर्चा करते हुए कहा कि इस कोई बात नही करता कि कैसे झारखण्ड के लोगों को झारखण्ड में ही रोजगार मिले.

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