Joharlive Team
रांची। राज्य पुलिस मुख्यालय ने आपराधिक मामलों में जिलों के एसपी से लेकर थानेदारों तक की भूमिका तय की है। राज्य के डीजीपी एमवी राव ने मंगलवार को आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक महिला व बच्चियों की संदेहास्पद मौत के मामले में जिले के एसपी को घटनास्थल पर जाकर जांच करनी होगी।
मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी एमवी राव ने बताया कि एसपी ऐसे मामलों में स्वयं घटनास्थल पर जाएंगे। इसके बाद केस का सुपरविजन भी एसपी को ही करना होगा। केस में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी भी एसपी की होगी। डीजीपी ने कहा कि महिला और बच्चियों के साथ हुये बलात्कार के मामलों में संबंधित जिला के एसपी ही तत्काल संज्ञान लेकर स्वयं घटना की जांच करेंगे और स्वयं पूरी जांच कर अग्रतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। इससे थाना स्तर पर किसी प्रकार के लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। इस संबंध में एक एसओपी भी बनाया जा रहा है।
डीजीपी ने कहा कि अवैध शराब तथा सभी प्रकार के मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ राज्य में एक साथ 1 नवंबर से 02 सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद भी यदि किसी थाना क्षेत्र में मादक पदार्थों की बरामदगी होती है तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित थाना प्रभारी की होगी।डीजीपी ने बताया कि अभियान की समाप्ति के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय के स्तर पर टास्क फोर्स बनाया जाएगा।इसके बाद टास्क फोर्स तस्करी की सूचना पर छापेमारी करेगी, छापेमारी में अवैध शराब या किसी तरह के मादक द्रव्य मिलने पर संबंधित इलाके के थानेदार पर कार्रवाई होगी।
डीजीपी एमवी राव ने बताया कि यौन अत्याचार के मामलों में शिकायत के लिए सभी जिलों में व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर अबतक कुल 108 शिकायतें आयी हैं। राजधानी रांची में सर्वाधिक 28, गिरिडीह में 18, जमशेदपुर में 12 शिकायतें आयी। साहिबगंज, जामताड़ा और खूंटी में किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली। 12 मामलों में पीड़िताओं ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने, 2 मामलों में प्रेम प्रसंग में गर्भवती हाने के बाद गर्भपात के लिए दबाव डालने की शिकायत आयी थी। इन मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। कुछ केस ब्लैक कॉल करने, एक केस प्रेम प्रसंग के बाद युवती की तस्वीरें रखने का आया था। वहीं अधिकांश केस पड़ोसियों से विवाद से जुड़े हैं।
डीजीपी ने बताया कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा के लिए सभी संसाधन दे रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं वाहन समेत सारे आधुनिक उपकरणों की खरीद का भरोसा दिलाया है। निर्भया फंड से भी 300 थानों में महिला हेल्प डेस्क जल्द खोला जाएगा। दुष्कर्म के केस के आधार पर हॉटस्पाट भी चिन्हित किए जाएंगे। समाजिक-आर्थिक पहलूओं पर भी गौर करते हुए केस रोकने का प्रयास किया जाएगा।