रांची :  कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस साल भी मुहर्रम सादगी के साथ मनाया जाएगा। मोहर्रम में राजधानी रांची के विभिन्न अखाड़ों और इमामबाड़ों में निशान खड़े किए जाएंगे। फातेहा और नेयाज का कार्यक्रम होगा। सेंट्रल मोहर्रम कमेटी ने फैसला किया है कि इस साल भी मोहर्रम में जुलूस नहीं निकाला जाएगा। यही नहीं, ढोल-ताशे और किसी भी तरह के खेल का प्रदर्शन भी नहीं होगा, ताकि मोहर्रम के दौरान लोगों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे और सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन हो सके।

सेंट्रल मुहर्रम कमेटी, धौताल अखाड़ा और इमाम बख्श अखाड़ा की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन मधुबन मार्किट कैफे मुगल में हुआ। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए धौताल अखाड़ा के प्रमुख खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, इमाम बख्श अखाड़ा के खलीफा मो. महजूद और सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष जावेद गद्दी और महासचिव अकीलुर रहमान ने कहा कि इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला जाएगा।

धौताल अखाड़ा और इमाम बख्श अखाड़ा के अंतर्गत आने वाले सभी अखाड़ों के खलीफा को निर्देश दिया गया है कि सभी अपने-अपने इमामबाड़ों और अखाड़ों में किसी भी प्रकार के खेल का प्रदर्शन नहीं करेंगे। सभी इमामबाड़ों, अखाड़ों एवं कर्बला में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सिर्फ नेयाज व फातेहा कर निशान खड़े किए जाएंगे एवं सरकारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा, ताकि आपसी सदभाव एवं भाईचारे के साथ मुहर्रम मनाया जा सके।

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