रांची : रांची देश के स्मार्ट शहरों की लिस्ट में शामिल है. सुविधाएं मुहैया कराने में देश के अन्य शहरों से इसकी तुलना भी की जा रही है. लेकिन स्मार्ट सिटी रांची की हकीकत सच्चाई से कोसों दूर है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के बीच बिजली के खंभे ही बांस के सहारे खड़े है. इसके अलावा कुछ खंभे गिरने वाली स्थिति में है. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली विभाग के कर्मचारी कितने एक्टिव है. जो न तो शिकायतों पर झांकने जाते है और न ही खुद इनकी नजर पड़ती है. अब बांस के सहारे खड़े ये बिजली के पोल कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या किसी हादसे के बाद ही विभाग के अधिकारियों की नींद खुलेगी. इस मामले में विभाग के अधिकारी प्रशांत प्रतीक ने कहा कि एक पोल नगर निगम का है जिसकी सूचना दे दी गई है. वहीं अन्य पोल को जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा.
दो खंभे तो मात्र उदाहरण है. ऐसे ही कई खंभे शहर में लोगों को मुंह चिढ़ा रहे है. जिसपर विभाग के लोगों की नजर नहीं है. जबकि हर साल मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते है. इससे भी साफ है कि कैसे विभाग के लोग जनता की आंखों में धूल झोंक रहे है.
बरियातू रोड बड़े हॉस्पिटलों का जोन बन चुका है. वहीं मंत्री से लेकर वीआईपी का हर दिन आना जाना होता है. विभागों के अधिकारी भी इस रास्ते से गुजरते है. लेकिन इसपर किसी की नजर नहीं जाती. जबकि यह स्थिति पिछले कई महीनों से है.
रानी बगान में एक पोल को कुछ साल पहले डंपर ने धक्का मार दिया. जिससे कि बिजली का खंभा दूसरे पोल पर टिक गया. इससे दोनों ही पोल को खतरा है. वहीं इसके गिरने से आसपास के लोग भी चपेट में आ सकते है. चूंकि 11 हजार वोल्ट के तार भी इन्हीं खंभों से होकर गुजरे है.
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