नयी दिल्ली : लोकपाल ने सोमवार को सीबीआई को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख शिबू सोरेन से जुड़ी कथित बेनामी संपत्तियों की छह महीने के भीतर जांच करने का निर्देश दिया. यह निर्देश 5 अगस्त, 2020 को लोकसभा में झारखंड के गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर एक शिकायत का निपटारा करते हुए आया. मामले की सुनवाई करते हुए, लोकपाल की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया कि वह “जितनी जल्दी हो सके जांच करें और इस आदेश की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर जांच पूरी करें”. लोकपाल ने सीबीआई से मासिक रिपोर्ट भेजकर जांच की प्रगति से उसे अवगत कराने को भी कहा.
न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी और गैर-न्यायिक सदस्यों अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह की लोकपाल की खंडपीठ द्वारा सोमवार को जारी आदेश में कहा गया, “इसकी पहली रिपोर्ट 30 अप्रैल, 2024 को या उससे पहले करें.”
बात दें कि अपनी शिकायत में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और बेईमान और भ्रष्ट तरीकों को अपनाकर, अपने नाम और नामों पर, आय के ज्ञात और घोषित स्रोतों से अधिक बड़ी संपत्ति, संपत्ति अर्जित की.
निशिकांत दुबे ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि आज झारखंड के सोरेन परिवार के लिए सबसे बुरी खबर है. मेरी शिकायत और कानूनी लड़ाई के बाद, लोकपाल ने आज सीबीआई को भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. कुल 108/संपत्तियां जिनका न तो चुनाव आयोग को उल्लेख किया गया था @ECISVEEP न ही शिबू सोरेन जी के परिवार द्वारा @IncomeTaxIndia को. सत्यमेव जयते,.”