साहिबगंज: राजमहल थाना क्षेत्र के कन्हैयास्थान में लोगों के अंधविश्वास का उदाहरण देखने को मिला. यहां पत्थरचट्टी गांव के रहने वाले बिपोति मंडल ने अपने आठ वर्षीय बेटे मुन्ना मंडल के बाद उसके शव को गंगा में बहा दिया.

जानकारी के अनुसार, बीते शाम मुन्ना की मौत सांप के काटने से हो गई थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि मुन्ना मंडल अपने घर के पास बेहोश होकर गिरा हुआ था. लोगों ने उनके पैर पर सांप काटने के निशान देखे. इसके बाद लोगों आनन-फानन में उसे राजमहल अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे के पिता बिपोति मंडल जीविकोपार्जन के लिए केरल में मजदूरी करते हैं और मां तरिया देवी भी दूसरे के खेतों में काम कर परिवार के भरण-पोषण में सहयोग करती है. बेटे की सर्पदंश से मृत्यु होने की खबर सुनते ही मां तरिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है.

परिजनों का कहना है कि उसके पिता को साहिबगंज पहुंचने में समय लग सकता है, इसे देखते हुए परिजनों ने कन्हैया स्थान के पास शोभापुर गंगा घाट पर मृत बच्चे को केले के थंब पर रख शैया को पूरी तरह सजाकर गंगा में बहा दिया. परिजन को यह विश्वास है कि ईश्वर ने चाहा तो बच्चा जरूर जिंदा हो जाएगा. परिजन यह मानते हैं कि शरीर में पूरा पानी घुस जाने से जहर निकल जाएगा या कोई सर्प दंश झारने वाला ओझा इसे देख ले तो बच्चा को जिंदा कर सकता है. इस विश्वास पर परिजनों ने बच्चे के शव को केले के थंब पर रखकर उफनती गंगा में बहा दिया.

हालांकि, इस ममाले में सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर मोहन पासवान ने बताया कि यह अंधविश्वास का सबसे खराब नमूना है. लोग आज भी अविश्वास के चक्कर में सर्पदंश के बाद पहले डॉक्टर के पास नहीं जाकर झाड़-फूंक में समय गंवा देते हैं. संभवत इस बच्चे के साथ भी यही हुआ होगा. अस्पताल देरी से पहुंचे होंगे जिससे बच्चे की मौत पहले ही हो गई होगी और अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया होगा. डॉ मोहन पासवान ने बताया कि इस तरह के केस के लिए लोगों को अस्पताल जाना चाहिए. जिला सदर अस्पताल में सांप के जहर से बचाने के लिए दवा सहित सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं. लोगों को जागरूक करने की जरुरत है.

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