रांची: कभी देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थानों में शुमार एचईसी यानी हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है. लंबित वेतन की मांग को लेकर आज से अफसरों ने भी काम बंद कर दिया है. तीन दिन पहले कर्मचारियों ने काम करना बंद कर दिया था. दरअसल, पिछले छह महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है.

यही हाल अफसरों का भी है. उन्हें पिछले सात महीने से वेतन नहीं मिला है. प्रबंधन की तरफ से किसी तरह का ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर कर्मचारियों में नाराजगी है.पदाधिकारियों के टीम ने निदेशक मंडल से मिलकर अपनी बात रखी है. फिलहाल, एचईसी में एमके सक्सेना, निदेशक, पर्सनल, अरूणधति पांडा, निदेशक, वित्त और राणा एस चक्रवर्ती, निदेशक, मार्केटिंग और प्रोडक्शन के पद पर हैं. कर्मचारियों और पदाधिकारियों का कहना है कि इतना प्रतिष्ठित संस्थान को लंबे समय से स्थायी सीएमडी नहीं दिया जा रही है. फिलहाल, भेल के सीएमडी नलीन सिंघल इस संस्थान के अतिरिक्त प्रभार में हैं. अतिरिक्त प्रभार लेने के बाद से उन्होंने सिर्फ तीन बार एचईसी का दौरा किया है.

कर्मचारियों के सामने भूखे मरने की स्थिति

एचईसी मजदूर संघ के महामंत्री रामशंकर ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रबंधन के निगेटिव एप्रोच के कारण कर्मचारियों के सामने भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मजबूर होकर कर्मचारियों ने पिछले तीन दिनों से काम करना बंद कर दिया है. लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभी तक प्रबंधन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है. एचईसी में रक्षा, इसरो और माइंस से संबंधित मशीन और पार्ट्स बनाए जा रहे थे. आंदोलन की वजह से टूल्स प्लांट, फाउंड्री फोर्ज और मशीन बिल्डिंग प्लांट में काम ठप है.

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