रांची । झारखंड में अब मॉब लिंचिंग से किसी की मौत हो जाती है तो दोषियों को मौत की सजा मिलेगी। इसके साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। लिंचिंग में किसी को चोट आती है तो दोषी को तीन साल तक की सजा और एक लाख रुपये से तीन लाख रुपये तक का दंड दिया जा सकेगा।

वहीं अगर किसी को गंभीर चोट आती है तो दोषी को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और तीन से पांच लाख रुपए तक का जुर्माना किया जा सकेगा। यह कानून पश्चिम बंगाल में पहले से लागू है। अब झारखंड में भी इस कानून को लागू किया जा रहा है। मॉब लिंचिंग की घटना रोकने के लिए राज्य सरकार ने द झारखंड प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग बिल 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार झारखंड के लोगों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए यह बिल ला रही है। इसमें दोषियों के विरुद्ध तीन तरह की सजा का प्रावधान है। ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए गृह विभाग भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद उसे कैबिनेट में रखा जाएगा।

अगर कोई साजिश रचता है या किसी को लिंचिंग करने के लिए उकसाता है, किसी भी तरह की मदद पहुंचाता है तो उसे उसी ढंग की सजा दी जाएगी, जैसा लिचिंग करने वाले अपराधी को। अगर कोई आरोपी को गिरफ्तार करने में या सजा के दौरान बाधा पहुंचाता है, तो उसे तीन साल की सजा और एक से तीन लाख तक जुर्माना हो सकेगा।

लिंचिंग के अपराध से जुड़े किसी साक्ष्य को नष्ट करने वाले को भी अपराधी मान कर एक साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। अगर कोई लिंचिंग का माहौल तैयार करने में सहयोग करता है तो वैसे व्यक्ति को तीन साल की सजा और एक से तीन लाख तक जुर्माना होगा। दंडिता प्रक्रिया संहिता के तहत जांच के जो प्रावधान बताए गए हैं, वही प्रक्रिया यहां भी अपनाई जाएगी। इस अधिनियम से जुड़े अपराध गैरजमानतीय होंगे।

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