रांची : झारखंड में तीन वर्षाें के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एसीबी ने तीन वर्षाें के दौरान विभिन्न विभागों में कार्यरत 177 कांड दर्ज कर लोक सेवकों को घूस लेते गिरफ्तार किया। इनमें से 2 कांडों को छोड़ कर शेष सभी कांडों में 60 दिनों के अंदर उच्च न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर दिया गया।
विधानसभा में भाजपा के अमित कुमार मंडल के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने आज बताया कि एसीबी द्वारा पकड़े गये सरकारी सेवक को न्यायालय द्वारा जमानत मिलने के बाद उनके द्वारा विभाग-कार्यालय में योगदान देने के उपरांत झारखंड सरकारी सेवक वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियमावली 2016 के नियम 9 (3) (1) के तहत योगदान स्वीकृत किया जाता है। जिसके बाद उक्त नियमावली के नियम 9 (1) (क) (ग) के तहत निर्णय लेते हुए योगदान की तिथि से पुनः निलंबित किये जाने का प्रावधान है।
श्री आलम ने बताया कि एसीबी ने वर्ष 2019 में 66 ट्रैप कांड को अंजाम दिया, जिसमें सभी मामले निष्पादित हो गये, वहीं वर्ष 2020 में 57 कांड ट्रैप हो गया, सभी मामले निष्पादित हो गये। वर्ष 2021 में 49 कांड दर्ज हुए, जिसमें सभी मामले निष्पादित हो गये। जनवरी 2022 तक 5 कांड दर्ज किये गये, जिसमें 3 मामले निष्पादित हो गये और 2 मामले अनुसंधान अंतर्गत है। इस तरह से कुल 177 मामले में से 175 मामले निष्पादित हो गये है और 2 कांड लंबित हैं।