इस्लामाबाद : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के दौरे के दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि CPEC भारतीय संप्रभुता का उल्लंघन करता है और क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करता है. उन्होंने सम्मेलन में कहा कि SCO के सदस्य देशों का सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने CPEC का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि सदस्य देश केवल चुनिंदा प्रथाओं को अपनाते हैं तो SCO की प्रगति नहीं हो पाएगी. भारत CPEC को लेकर चिंतित है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना अभिन्न हिस्सा मानता है.
तीन बुराइयों से निपटने पर जोर
एस जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद का मुकाबला करने के लिए SCO के दृढ़ संकल्प की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन बुराइयों का सामना करने के लिए ईमानदार बातचीत और अच्छे पड़ोसी संबंधों की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि SCO को वैश्विक संस्थाओं में सुधार के प्रयास करने चाहिए, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भागीदारी बढ़ाने के लिए.
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पाकिस्तान के लोगों से संवाद पर कही ये बात
जयशंकर ने पाकिस्तान के लोगों से संवाद स्थापित करने की कोशिश की, यह कहते हुए कि विश्वास की कमी और अपर्याप्त सहयोग की स्थिति में आत्म-चिंतन की जरूरत है. उन्होंने SCO चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की बात करते हुए कहा कि वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन नए अवसरों को प्रस्तुत करते हैं, जिनका लाभ सभी को मिल सकता है.
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