गिरिडीह: आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में हंगामा की खबरें कई जगह से आई. गिरिडीह में ही मुखिया और उपमुखिया के समर्थकों के भिड़ने का मामला सामने आया. वहीं, झरिया में बीजेपी नेता के पिटाई की खबरें भी सामने आईं. इस बार अंचल के बड़े अधिकारी पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने हंगामा किया है. मामला बेंगाबाद प्रखंड से जुड़ा है. जहां चपुवाडीह पंचायत में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने सीओ पर मकान बनाने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. इस बात को लेकर डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार के सामने ही ग्रामीणों की सीओ के साथ नोकझोंक भी हुई. जिसके बाद ग्रामीणों ने सीओ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
रिश्वत नहीं देने पर काम रोक देने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि घूस की रकम नहीं देने पर सीओ कृष्ण कुमार मरांडी मकान बनाने का काम रुकवा देते हैं. एक मामले में उन्होंने मकान के मालिक को थाने में बंद करवा दिया गया. बाद में थाने में बॉन्ड भरने के बाद उसे छोड़ा गया. उनके खिलाफ ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया. मौके पर मौजूद डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार, बीडीओ कय्यूम अंसारी और अन्य लोगों ने मामले पर हस्तक्षेप करते हुए लोगों को शांत कराया और उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत मामले का हल निकालने का सलाह दी. इधर, रिश्वत मांगने के आरोप को सीओ ने गलत बताया है.
रैयत ने कहा कर रहे सीओ प्रताड़ित
बेंगाबाद प्रखंड के बिशनपुर गांव के निवासी झारखंडी मंडल, गिरेंद्र मंडल और धनराज मंडल का कहना है कि सीओ कृष्ण कुमार मरांडी रैयत को बेवजह प्रताड़ित करते हैं. गिरेंद्र मंडल अपनी जमीन जो कि बकाश्त किस्म की है. उसका खतियान उनके पूर्वजों के नाम पर है और वह जमीन पर दखलकार हैं. वह अपनी जमीन के हिस्से पर मकान बनवा रहे थे. इसी दौरान सीओ ने आकर काम को बल पूर्वक बंद करवा दिया. जब रैयत मामले को लेकर सीओ से मिलने गया तो उन्होंने उस से रिश्वत की मांग की.
गिरेंद्र मंडल का आरोप है कि सीओ ने उक्त जमीन पर मकान बनाने के एवज में पच्चीस हजार रुपये की मांग की. नहीं देने पर जमीन पर काम नहीं करने की धमकी दी. आरोप है कि बाद में सीओ ने बेंगाबाद पुलिस के सहयोग से रैयत गिरेंद्र मंडल को थाने बुलवाया और रात को सीओ के कहने पर थाने में जमीन पर आदेश के बगैर काम नहीं करने का बांड भरा कर उसे छोड़ा गया.
ग्रामीणों का आरोप है कि सीओ ने उसी गांव में अन्य बकाश्त किस्म की जमीन पर अन्य लोगों को काम करने दिया जा रहा है. जबकि इन्हें परेशान किया जा रहा है. लोगों ने वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते हुए बेंगाबाद सीओ पर कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि रिश्वत नहीं देने के कारण सीओ उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं.
आरोप को झूठा बता रहे सीओ
इधर, इस मामले पर बेंगाबाद सीओ ने सफाई दी है. उन्होंने ऑफ द कैमरा आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि बकाश्त जमीन की जांच प्रक्रिया जारी है. मामले को दूसरा रूप देकर उनपर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है.