गिरिडीह. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह आम बगान के पास स्थित सौ साल पुराने शिव पार्वती मंदिर को सतनारायण वर्णवाल और बबलू वर्णवाल ने जब जेसीबी लगाकर तोड़ने की कोशिश की, तो नाराज़ ग्रामीणों ने दोनों की जमकर पिटाई कर दी. मंदिर तोड़े जाने की खबर जैसे ही इलाके में फैली, गांव के सैकड़ों लोग वहां जुट गए और दोनों को कोसने लगे. हांलाकि मंदिर तोड़ रहे वर्णवाल परिवार ने स्थानीय लोगों को बताया कि वो जीर्ण शीर्ण हो चुके मंदिर के दोबारा निर्माण के इरादे से मंदिर को तोड़ रहे थे, लेकिन इस बात पर विश्वास न करते हुए ग्रामीणों ने मिलकर मंदिर संचालन के लिए एक कमेटी भी बना डाली.
मंदिर के लिए हुई ग्रामीणों की बैठक में स्थानीय वार्ड पार्षद अशोक राम, जमीन करोबारी पप्पी सिंह, बिजय सिंह समेत अन्य प्रतिष्ठित स्थानीय लोग उपस्थित हुए. मंदिर जिस जगह है, उस जमीन के मालिक सतनारायण वर्णवाल और बबलू वर्णवाल से कमेटी ने सुलहनामे पर हस्ताक्षर करवाए. मंदिर तोड़ने वाले परिवार ने छह महीने के भीतर उसी जगह पर भव्य मंदिर निर्माण करवाने की बात कही, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.
सौ साल की है मंदिर की कहानी
सिहोडीह आम बगान के पास सालों पुराने शिव-पार्वती मंदिर की मान्यता ऐसी है कि आसपास के कई इलाकों से यहां लोग बड़ी संख्या में आते हैं. मंदिर जब सौ साल पहले बना था, तब इस प्लॉट के मालिक ने अपने वंशजों यानी वर्णवाल परिवार के नाम जमीन कर दी थी. इस मंदिर की देखभाल के लिए मंदिर में एक व्यक्ति को सपरिवार बसाया गया था. इस परिवार का कहना है कि यहां उसकी तीन पीढ़ियां रह चुकी हैं.
ताज़ा मामले को लेकर बताया जा रहा है कि मंदिर प्लाॅट के बगल में सतनारायण और बबलू वर्णवाल का एक और प्लाॅट है, जहां नई दुकानों का निर्माण कार्य चल रहा है. दोनों ने कथित तौर पर निर्माणाधीन दुकानों को मंदिर से जोड़ने के लिए मंदिर का पूरा हिस्सा ही ज़मीदोंज़ कर दिया इसी लिए स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा.