रांची : बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान से लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. अब लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या भी आम हो गई है. ऐसे में लोग मेडिकल स्टोर से जाकर दवाएं ले रहे हैं, जिससे बीमारी तत्काल तो ठीक हो जाती है और लोग दवा भी लगाना या खाना बंद कर देते हैं. लेकिन इसके कई तरह के साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं. इतना ही नहीं, लोगों की समस्याएं इस कदर बढ़ जा रही हैं कि उन्हें लंबे समय तक इलाज कराना पड़ रहा है. जिससे कि मरीजों को परेशानी हो रही है. वहीं जाने-अनजाने वे दूसरों को भी बीमारियां बांट रहे हैं. ये बातें देशभर से मिड डर्माकॉन में जुटे एक्सपर्ट्स कह रहे हैं. इनका कहना है कि फंगल इंफेक्शन होने पर संबंधित डॉक्टरों से कंसल्ट करने के बाद ही दवाएं लें. साथ ही प्राॅपर ट्रीटमेंट से बीमारी को ठीक किया जा सकता है. इसके लिए अर्ली डायग्नोस जरूरी है.
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सोरियासिस को कर सकते हैं कंट्रोल
इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरोलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट (आईएडीवीएल) के नेशनल सेक्रेटरी डॉ. भूमेश कुमार ने बताया कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी ही स्किन से जुड़ी बीमारी है सोरियासिस. इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता. प्रापर डाइट, एक्सरसाइज और ट्रीटमेंट से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है. चूंकि ये भी जेनेटिक बीमारी है. ऐसे में लोगों को अगर थोड़े भी लक्षण दिखें तो तत्काल स्किन स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें.
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सिफलिस ने बढ़ाई विशेषज्ञों की चिंता
कोलकाता से आई डॉ सश्रुति हलधर ने बताया कि फंगल इंफेक्शन तो आम हो गया है. लेकिन हाल के दिनों में सिफलिस के मामले बढ़े हैं. ये सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है, जिसकी पहचान कर ली जाए तो इलाज पूरी तरह से संभव है. अगर बीमारी का देर से पता चले तो इसे ठीक करना मुश्किल है. इसके लिए हमलोग लगातार अवेयरनेस प्रोग्राम कर रहे हैं. स्किन स्पेशलिस्ट जो भी हैं उनसे जानकारी शेयर कर रहे हैं. वहीं लोगों को अवेयर करने के लिए भी ओपीडी में कंसल्टेशन दी जा रही है. हमने अपने हॉस्पिटल में इस पर रिचर्स भी शुरू कर दिया है.