Joharlive Team

रांची। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर एनआइए ने गुरुवार की देर शाम अचानक दस्तक दी। एनआईए की टीम ने स्टेन स्वामी से 20 मिनट तक पूछताछ की। फिर स्टेन स्वामी को हिरासत में लेकर अपने साथ चली गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को एनआइए की टीम फादर स्टेन स्वामी के नामकुम स्थित उनके आवास बगईचा पहुंची। एनआइए की टीम ने अर्बन नक्सल मामले में छापेमारी की है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहे है।
मालूम हो कि इससे पहले बीते 6 अगस्त को भी एनआईए की टीम ने फादर स्टेन स्वामी के आवास पर छापेमारी की थी। टीम ने घर से कई अहम कागजात को खंगाला था। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बीते वर्ष 12 जून 2019 महाराष्ट्र की पुणे व एटीएस पुलिस की टीम ने मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर और कार्यालय में छापेमारी की थी। भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी, 2018 को कथित रूप से स्टेन स्वामी व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाषण दिया था। इसी मामले में फादर स्टेन के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
क्या है स्टेन स्वामी पर आरोप
बताया जाता है कि स्टेन स्वामी ने महाराष्ट्र के नक्सली संगठन एलगार परिषद को समर्थन दिया। एलगार परिषद मामले में जारी जांच के तहत यह छापेमारी की गयी थी। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।

कौन हैं फादर स्टेन स्वामी
मूल रूप से केरल के रहनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी करीब पांच दशक से झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्होंने विस्थापन, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों को लेकर संघर्ष किया है। उग्रवादी के नाम पर जेल में बंद 3,000 विचाराधीन लोगों के मानवाधिकार के लिए संघर्ष किया है। लंबे अरसे तक वह सिंहभूम में सक्रिय रहे. वर्ष 2004 से रांची के नामकुम स्थित बगईचा में रह रहे हैं।

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