आदिल
रांची। झारखंड में विगत पांच वर्षों में स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है । राज्य के जिला अस्पतालों, ब्लड बैंकों की संख्या दोगुना बढ़ी है, जिससे स्थानीय स्तर पर इलाज की सुविधा मिल रही है। स्वास्थ्य योजनाओं में सुधार के कारण झारखंड राज्य शिशु मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है । साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक शिशु मृत्यु दर 8 पॉइंट घटा है।
- आयुष्मान योजना में 292 करोड़ का लाभ दिया गया
भारत सरकार ने आयुष्मान योजना की शुरुआत झारखंड से की थी ।आयुष्मान योजना के तहत अब तक 292 करोड रुपए का लाभ आम लोगों को दिया गया है। आयुष्मान योजना के तहत राज्य भर में अब तक 57 लाख परिवारों को कवर किया गया है। जिसे योजना के तहत 2.63 करोड़ सीधे योजना के लाभार्थी होंगे। झारखंड आयुष्मान योजना लागू करने में अव्वल है। झारखंड में अबतक 83.4 लाख कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। वहीं 3.28 लाख लोग अब तक आयुष्मान योजना से लाभान्वित हुए हैं।
- झारखंड में बड़ी मेडिकल कॉलेजों की संख्या
राज्य गठन के बाद से साल 2014 तक राज्य में 3 मेडिकल कॉलेज थे 2019 तक राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ कर सात(एम्स समेत) हो चुकी है। दुमका,पलामू और हजारीबाग में मेडिकल कॉलेजों में नामांकन चालू है। वहीं दो मेडिकल कॉलेज चाईबासा और कोडरमा में प्रस्तावित हैं । साल 2014 तक मेडिकल कॉलेजों में 280 सीटों पर नामांकन होता था । 2019 में मेडिकल कॉलेजों में सीटों की उपलब्धता दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 580 हो गई है ।
- रिम्स में खुला डेंटल कॉलेज कांके में बन रहा कैंसर अस्पताल
नए मेडिकल कॉलेजों के अतिरिक्त राज्य में पहले डेंटल कॉलेज की स्थापना रिम्स में की गई है । कैंसर के मरीजों को बाहर के राज्यों में जाकर महंगा इलाज न कराना पड़े इसके लिए कांके में टाटा के सहयोग से कैंसर अस्पताल की न्यू रखी जा चुकी है।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की यह कवायद भी हुई
साल 2014 तक झारखंड में 12 जिला अस्पताल और 18 ब्लड बैंक थे। 5 सालों में 23 जिला अस्पताल और 26 ब्लड बैंक है। राज्य सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा के तहत राज्य भर में 329 वाहन उपलब्ध कराएं हैं। अब तक 2 लाख 60 हजार से अधिक रोगी 108 एंबुलेंस सेवा का लाभ ले चुके हैं।