जमशेदपुर: सोनारी एयरपोर्ट पर अलकेमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का ट्रेनी विमान का लैंडिग गियर पायलट की चूक के कारण नहीं खुल पाया था। लैंडिंग नहीं खुलने के कारण बुधवार दोपहर करीब 3.15 बजे विमान की बेली लैंडिंग हुई, इस वजह से विमान करीब 200 मीटर तक रनवे पर रगड़ खाने के बाद रुक सका। गनीमत रही कि विमान में आग नहीं लगी वरना उसमें सवार पायलट और ट्रेनी की जान खतरे में पड़ सकती थी। अलकेमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मृणाल कांति पाल ने गुरुवार को बताया कि पायलट ने पूछताछ के दौरान अपनी चूक स्वीकार कर ली है। इससे पहले गुरुवार को जांच करने के लिए डायरेक्टरेट जेनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की दो सदस्यीय टीम सोनारी एयरपोर्ट पहुंची।
टीम में शामिल डीजीसीए के डॉयरेक्टर एचएन मिश्रा और एयर सेफ्टी अफिसर अभिजीत ने घटनास्थल और विमान की स्थिति का आकलन किया। डीजीसीए ने विमान का डाटा रिकॉर्डर जब्त कर लिया। पायलट और एटीसी के बीच हुई बातचीत से घटना के संबंध में जानकारी हासिल की जाएगी। टीम ने विमान के पायलट शैलेश प्रजापति और प्रशिक्षु सत्यजीत थोट का अलग-अलग बयान लिया।
पूछताछ में पायलट ने बताया कि विमान के लैंडिंग में गड़बड़ी उनकी चूक से हुई है। लैंडिंग गियर समय पर आन नहीं कर पाने के कारण विमान की बेली लैंडिंग हुई। पायलट ने लैडिंग गियर नहीं खोलने की बात स्वीकार की। डीजीसीए की टीम बयान और डाटा रिकॉर्डर लेकर कोलकाता चली गई। जहां डाटा रिकॉर्डर के आधार पर तय होगा कि आखिर घटना के पीछे मूल कारण क्या था। अलकेमिस्ट के निदेशक मृणाल कांति पाल के मुताबिक, पायलट ने लैंडिंग गियर नहीं खोलने को अपनी गलती मानी है। सोनारी एयरपोर्ट से संचालित होने वाले अलकेमिस्ट एविएशन का छह सीटर विमान पाइपर सेनेका पीए 34 लैंडिंग के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उसका लैंडिंग गियर नहीं खुलने से दो सौ मीटर तक रन वे पर रगड़ खाते हुए लैंड किया था। पायलट शैलेश प्रजापति विमान से सत्यजीत को प्रशिक्षण दे रहे थे। हादसे में पायलट और प्रशिक्षु को चोट नहीं आई, लेकिन विमान क्षतिग्रस्त हो गया था।