रांची : सदर हॉस्पिटल में बिल्डिंग हैंड ओवर के बाद फायर सेफ्टी के नाम पर 1.20 करोड़ खर्च किए जाने के मामले की शिकायत की गई थी. इसके बाद सिविल सर्जन ने तीन डॉक्टरों की जांच कमिटी गठित कर दी है. वहीं 6 दिनों के अंदर जांच करते हुए पूरी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि सदर हॉस्पिटल की बिल्डिंग हैंड ओवर के 5 महीने बाद ही फायर सेफ्टी के नाम पर 1.2 करोड़ रुपए खर्च करने की शिकायत सोशल एक्टिविस्ट ज्योति शर्मा ने की थी. साथ ही टेंडर में भी अनियमितता का आरोप लगाया था. इस खबर को जोहार लाइव ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
क्या है पूरा मामला
सदर हास्पिटल सुपरस्पेशियलिटी के भवन निर्माण में देरी और गड़बड़ियों के कारण तो मामला हाईकोर्ट में है. लेकिन बेवजह खर्च के मामले ने फिर से सदर हास्पिटल को विवादों में खड़ा कर दिया है. जहां हास्पिटल के नए भवन में पहले फायर सेफ्टी के नाम पर लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए फूंक दिए गए. अभी बिल्डिंग पूरी तरह से चालू भी नहीं हुई है कि फिर से फायर सेफ्टी के नाम पर 1.20 करोड़ खर्च किए गए हैं.
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बता दें कि पांच महीने पहले ही सदर हास्पिटल का नया भवन 500 से अधिक बेड के साथ पूरी तरह से कंप्लीट होने के बाद मरीजों के लिए खोल दिया गया है. हास्पिटल को पूरा करने में 16 साल लग गए. इस बीच हास्पिटल का निर्माण खर्च भी दोगुना से अधिक पहुंच गया. वहीं, फायर सेफ्टी पर एजेंसी 4.43 करोड़ रुपए खर्च करने का एफिडेविट विजेता कंस्ट्रक्शन ने दिया था, जिसके तहत पूरे हास्पिटल में सेट्रल फायर फाइटिंग के अलावा जगह-जगह फायर एक्सटिंग्विशर भी लगाए गए. मई 2023 में 1.20 करोड़ खर्च करने के बावजूद फायर फाइटिंग सिलेंडर कैंपस में जहां-तहां फेंके पड़े हैं.