नई दिल्ली : IMD ने मानसून को लेकर कहा कि उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 106 फीसदी बारिश सामान्य से अधिक की श्रेणी में आती है और अगर दीर्घावधि औसत की 105 फीसदी से 110 फीसदी के बीच बारिश होती है तो इसे सामान्य से अधिक माना जाता है. महापात्र ने कहा कि पूरे देश में ऋतुनिष्ठ वर्षा का दीर्घावधि औसत 87 सेंटीमीटर है.
आईएमडी के प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूरे देश में 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच मानसून सीजनल रेनफॉल लॉन्ग टर्म एवरेज (एलपीए) का 106 फीसदी होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अगर सीजनल रेनफॉल के दीर्घावधि औसत की 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच बारिश होती है तो वो सामान्य होती है.
ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर के बीच विकसित होगी
मृत्युंजय महापात्र ने कहा, भारत में अच्छे मानसून से संबंधित ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक सक्रिय होने की संभावना है.
भारत में नौ मौकों पर सामान्य से अधिक हुई मानसूनी बारिश
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में नौ मौकों पर सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश हुई. जब अल नीनो के बाद ला नीना की स्थिति बनी.
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