रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में आईएमए और झासा की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह भी मौजूद थे. इस दौरान क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, साहेबगंज से जुड़ी समस्या, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, महिला चिकित्सकों को नाइट ड्यूटी में सुरक्षित माहौल की अनिवार्यता, नेशनल टास्क फोर्स में चिकित्सकों की सहभागिता, लोहरदगा जिले में चिकित्सक और पारामेडिकल स्टाफ को पिछले 2 महीने से वेतन अवरुद्ध जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई. जिसमें क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर 50 बेड तक के अस्पतालों को मुक्त करने पर सहमति बनी. इससे संबंधित आदेश यथाशीघ्र निकालने का निर्णय स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव ने लिया. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नेशनल टास्क फोर्स के गठन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि को सम्मिलित करने पर सहमति बनी.

इन बिंदुओं पर हुई चर्चा

  • साहिबगंज उपायुक्त को स्वास्थ्य मंत्री ने मोबाइल पर आवश्यक दिशा निर्देश दिया और कहा कि विभाग द्वारा इससे संबंधित आदेश निर्गत किया जा रहा है. उप विकास आयुक्त को नोडल के पद से मुक्त किया जाए और ऑन ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया गया.
  • श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्ति डॉक्टर के टीए,डीए का अलग से आवंटन  दिया जाएगा.
  • चिकित्सकों को पुलिस विभाग की तरह 13 महीने का वेतन देने पर सहमति बनी. स्वास्थ्य सेवा भी पुलिस सेवा की तरह आकस्मिक सेवा है.
  • लोहरदगा व अन्य जगहों पर जहां सिविल सर्जन प्रभार में है, उन्हें डीडीओ घोषित करने संबंधित आदेश यथाशीघ्र निर्गत होगा.
  • 23 अगस्त को प्रधान सचिव के साथ हुई मीटिंग का प्रोसीडिंग यथाशीघ्र निकाला जाएगा.
  • राज्य/जिला/अनुमंडल स्तरीय जो भी समिति बनाई जाएगी, उसमें पूर्व की तरह आईएमए के प्रतिनिधि भी एक सदस्य होंगे.
  • महिला चिकित्सकों की सुरक्षा से संबंधित  आवश्यक निर्णय लेने पर सहमति बनी.

 

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