किसलय शानू

रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में वर्षों से एक अलग ही दुनिया चल रही है. यह ऐसा जगह है, जहां जेलर की कम एक जमादार स्तर के कर्मी की ज्यादा चलती है. यह जमादार और कोई नहीं अवधेश कुमार उर्फ अवधेश सिंह है. जी हां, अवधेश कुमार के बिना जेल के अंदर कोई मोबाइल नहीं चला सकता है. बड़े से बड़े नक्सली, कुख्यात अपराधी को मोबाइल चलाने के लिए इनके शरण में जाना पड़ता है. जेल से बाहर निकले एक कैदी की मानें तो जेल के अंदर अवधेश कुमार की दुनिया है. बिना अवधेश कुमार के आदेश के पत्ता भी नहीं हिलता है. जेल के अंदर जैसा कैदी वैसा अवधेश कुमार का रेट होता है.

अपराधी को देख  रेट होता है तय

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से निकले कैदी ने बताया कि जेल के अंदर जमादार अवधेश कुमार अपराधी को देख रेट तय करता है. जैसा अपराधी होता है, वैसा रेट वसूला जाता है. अवधेश कुमार को मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए हजारों से लेकर लाखों तक पैसा देने को तैयार है. यह पैसा जेलर तक कम, ज्यादा अवधेश कुमार तक रहता है. जेल में अस्पताल से लेकर मेस समेत अन्य जगहों पर अवधेश कुमार द्वारा पैसा वसूला जाता है.

यह है अवधेश कुमार का एक माह का रेट

एंड्रायड मोबाइल कर इस्तेमाल – 1,50,000 से 1,00,000 तक
वीडियो कॉल या व्हाट्सअप कॉल – 1,50,000 से 2,00,000 तक
नॉर्मल मोबाइल – 10,000 से 25,000 तक

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