झारखंड

झारखंड में रहना है तो यहां के लोगों के हिसाब से चलना पड़ेगा : कल्पना सोरेन

देवघर: सारठ विधानसभा के झामुमो प्रत्याशी उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए गांधी विधायक कल्पना सोरेन सारठ के पलमा पहुंची. उन्होंने वहां चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर-धनुष झुकना नहीं चाहिए, यह हमारा मान-सम्मान है. 20 नवंबर को इस तीर-धनुष को याद रखिए और वोट कीजिए. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन आपके हक और अधिकार के लिए निरंतर लड़ रहे हैं. झारखंड बने हुए अभी कल ही हमलोगों ने 24 साल पूरे किए हैं. 24 साल में यह पहली बार हुआ है कि हमारी माता और बहनों के लिए हेमंत सोरेन ने क्रांतिकारी योजना लाई है.

इस क्रांतिकारी योजना के खिलाफ भाजपा वालों ने हाईकोर्ट में पीआईएल किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया, जो हमारी माता और बहनों की जीत है. ये लोग हर योजना के खिलाफ पीआईएल करते हैं. जब झारखंड बना था तब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया था. लेकिन हेमंत सोरेन ने पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण विधानसभा में पारित कर दिया है. कल्पना ने कहा कि स्थानीय नीति हमारा स्वाभिमान है, जिसे पारित कर दिया गया है. इस चुनाव में हमारी अबुआ सरकार की जीत होने वाली है.

हमारी सरकार गरीब, पिछड़ा, आदिवासी, दलित की सरकार है. भारतीय जनता पार्टी के जैसे पूंजीपतियों की सरकार नहीं है। झारखंड में अगर चलेगा तो अबुआ सरकार चलेगी. यहां नीतियां जनता के हिसाब से बनेगी. केंद्र सरकार महंगाई का बोझ हमलोगों के सिर पर लादती है. लेकिन इस महंगाई से कैसे छुटकारा पाना है इसका रास्ता कभी नहीं निकालती है. फिर भी हेमंत सोरेन की सरकार में राज्यवासियों का बकाया बिजली बिल माफ कर दिया है और 200 यूनिट फ्री बिजली योजना लागू की है. यह सिर्फ झारखंड का बेटा हेमंत सोरेन नहीं कर सकता है. झारखंड की 55 लाख माता और बहनों को मंईयां सम्मान योजना से जोड़ा गया है और आगे भी इसमें और भी माता- बहनों को जोड़ा जाएगा. सम्मान योजना के तहत 1000 की चार किश्त जा चुकी है और अब दिसंबर से यह 2500 हो जाएगी. अभी झारखंड में बड़े-बड़े नेता आए हुए हैं.

केंद्र से कई मंत्री भी यहां कैंप कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि ये लोग अपना राज्य छोड़कर झारखंड में बसने की तैयारी कर लिए हैं. उनसे यह कहना है कि अगर झारखंड में रहना है तो यहां के लोगों के हिसाब से चलना होगा यहां बाहरीपन नहीं चलेगा। झारखंड में सिर्फ झारखंडियत चलेगी. पहले चरण के मतदान में माता और बहनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाई है और इस बार भैया सबसे निवेदन है कि मतदान में बढ़कर हिस्सेदारी निभाएं. जनसभा को झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी उदय शंकर सिंह, जिला अध्यक्ष संजय शर्मा, वरिष्ठ नेता नरसिंह मुर्मू समेत अन्य लोगों ने संबोधित किया.

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